Farmers Protest: दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर दो और किसानों की मौत, अब तक 70 से अधिक प्रदर्शनकारियों की गई जान

Farmers Protest नये कृषि कानूनों को लेकर केंद्र के खिलाफ किसानों का आंदोलन 74 दिनों से जारी है। दिल्ली के बॉर्डरों (Delhi Border) पर किसान अभी भी डटे हुये है। केंद्र (Central government) और किसान अपनी-अपनी मांगों पर अड़े है। कोई भी पक्ष पीछे हटने को राजी है। इस दौरान भारतीय किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि इस आंदोलन की रूप रेखा अक्टूबर तक बना ली गई है। जब तक सरकार काले कानूनों को रद्द नहीं कर देती तब तक घर वापसी नहीं होगी।
इसी बीच, अब किसानों के हौंसले जवाब देने लगे है। क्योंकि दिल्ली के टिकरी बॉर्डर (Tikri Border) से दो किसानों की मौत की खबर सामने आई है। दिल्ली-हरियाणा के टिकरी बॉर्डर पर रविवार सुबह एक और किसान की मौत हो गई। मृतक किसान सुखमिंदर सिंह (60 साल) पंजाब के मोगा जिले के हैं और कल ही किसान आंदोलन में शामिल होने टिकरी बॉर्डर आए थे। सुखमिंदर को आज सुबह दिल का दौरा पड़ा और वो खत्म हो गए। दूसरी तरफ एक और किसान कर्मबीर ने शनिवार रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
कर्मबीर ने फांसी लगाने से पहले लिखा सुसाइड
टिकरी बॉर्डर पर मरने से पहले कर्मबीर ने सुसाइड लिखा- भारतीय किसान युनियन जिन्दाबाद। प्यारे किसान भाइयों ये मोदी सरकार तारीख पर तारीख देता जा रहा है इसका कोई अंदाजा नहीं कि ये काले कानून कब रद्द होंगे। जब तक ये काले कानून रद्द नहीं होंगे तब तक हम यहां से नहीं जाएंगे। आपको बता दें कि कर्मबीर (52) हरियाणा के जींद जिला के सिंघवाल गांव का रहने वाला थे। बीती रात ही वह अपने गांव से टिकरी बॉर्डर पहुंचे थे। कर्मबीर की तीन बेटियां हैं और एक बेटी की शादी हो चुकी है। बहरहाल, किसान का शव फंदे से निकाल कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
कुछ दिनों पहले किसान जय भगवान की जहर खाने से हुई थी मौत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुये 70 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है। किसानों का धैर्य जवाब देने लगा है। जिस वजह से किसान आत्महत्या कर रहे है। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही टिकरी बॉर्डर पर किसान जय भगवान ने जहर खा लिया था। किसान को गंभीर हालत में संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जय भगवान ने जहर खाने से पहले देशवासियों के नाम एक पत्र लिखा था।
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