Farmers Protest: किसान 26 जून को देशभर में राजभवनों पर देंगे धरना, राकेश टिकैत ने दिल्ली पुलिस पर उठाए सवाल

Farmers Protest: किसान 26 जून को देशभर में राजभवनों पर देंगे धरना, राकेश टिकैत ने दिल्ली पुलिस पर उठाए सवाल
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Farmers Protest: 26 जून को देशभर में राजभवन के बाहर संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदर्शन पर बीकेयू के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि 7 महीने पूरे होने पर राज्यपाल को एक ज्ञापन ​जाएगा और ये ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम होगा। उन्होंने कहा कि 10 जून को दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच के दो असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर के सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल की तस्वीरें खींचने के बाद प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने उन पर कथित रूप से हमला किया। नरेला पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है।

Farmers Protest केंद्र (Central Government) के तीन नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संघों (Farmers Organisations) ने घोषणा की कि वे अपने आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर 26 जून को देशभर में राजभवनों (Raj Bhawan) पर धरना देंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कहा कि वे 26 जून को अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान काले झंडे दिखाएंगे और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजेंगे। वहीं आज 26 जून को देशभर में राजभवन के बाहर संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदर्शन पर बीकेयू के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि 7 महीने पूरे होने पर राज्यपाल को एक ज्ञापन ​जाएगा और ये ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम होगा।

7 महीने पूरे हो गए हैं, सरकार बात नहीं कर रही है तो राष्ट्रपति को हस्तक्षेप करना चाहिए ये ज्ञापन जाएगा। उन्होंने कहा कि 10 जून को दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच के दो असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर के सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल की तस्वीरें खींचने के बाद प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने उन पर कथित रूप से हमला किया। नरेला पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। राकेश टिकैत ने कहा कि वो(पुलिसकर्मी) सिविल ड्रेस में होंगे, उनको लगा होगा​ कि चैनल के लोग हैं और हमें गलत तरह से दिखाते हैं। हमारे लोग मारपीट नहीं करते। पुलिस और सरकार तो चाहती है कि हम किसानों के साथ पंगेबाजी करें।

एसकेएम के किसान नेता इंद्रजीत सिंह ने कहा कि इस दिन को खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम राजभवनों पर काले झंडे दिखाकर और प्रत्येक राज्य के राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर विरोध दर्ज करायेंगे। सिंह ने कहा कि यह (26 जून) वह दिन भी है, जब 1975 में आपातकाल घोषित किया गया था और हम इसी दिन अपने आंदोलन के सात महीने पूरे करेंगे। तानाशाही के इस माहौल में खेती के साथ-साथ लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी हमला हुआ है। यह एक अघोषित आपातकाल है।

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