Farmers Protest: राकेश टिकैत बोले- किसान और केंद्र के बीच फिर बातचीत होनी चाहिए, शरद पवार ने भी सरकार से की अपील

Farmers Protest कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान अभी भी दिल्ली के बॉर्डरों (Delhi Border) पर डटे हुए है। आपको बता दें कि इस झुलसती गर्मी में प्रदर्शनकारी पिछले 7 महीनों से प्रदर्शन कर रहे है। लेकिन केंद्र (Central Government) ने अभी तक उनकी मांगों को स्वीकारा नहीं है। इस बीच खबर आ रही है वरिष्ठ नेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने इस सिलसिले में केंद्र सरकार से बात की है। जिसके लेकर किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि शरद पवार ने भारत सरकार को कहा है कि बातचीत होनी चाहिए और समाधान होना चाहिए। कुछ किसान पीछे हटें, कुछ सरकार पीछे हटे और बातचीत से इसका समाधान निकले।
मैं उनके वक्तव्य का स्वागत करता हूं। केंद्र सरकार आपके द्वारा व्यक्त भाव से सहमत है। हमने 11 बार किसान यूनियन से इस बारे में बात की है। केंद्र सरकार बातचीत से जल्द हल निकालना चाहती है ताकि सभी किसान आंदोलन समाप्त करके घर जाएं और ठीक से खेती करें: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर https://t.co/b4HMqts0Ir
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 2, 2021
उधर, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि शरद पवार ने कृषि क़ानूनों पर कहा है कि सभी क़ानून बदले जाने की आवश्यकता नहीं है। जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उनपर विचार करके उन्हें बदला जाना चाहिए। मैं उनके वक्तव्य का स्वागत करता हूं। केंद्र सरकार आपके द्वारा व्यक्त भाव से सहमत है। हमने 11 बार किसान यूनियन से इस बारे में बात की है। केंद्र सरकार बातचीत से जल्द हल निकालना चाहती है ताकि सभी किसान आंदोलन समाप्त करके घर जाएं और ठीक से खेती करें।
शरद पवार ने भारत सरकार को कहा है कि बातचीत होनी चाहिए और समाधान होना चाहिए। कुछ किसान पीछे हटें, कुछ सरकार पीछे हटे और बातचीत से इसका समाधान निकले। सरकार को बात माननी चाहिए: किसान नेता राकेश टिकैत pic.twitter.com/Di7ZHhWqWA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 2, 2021
सरकार को बात माननी चाहिए। वहीं दूसरे किसान नेता का कहना है कि हम अपनी मांग पर अड़े रहे औरविरोध प्रदर्शन तभी समाप्त करेंगे जब सरकार तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेगी। हालांकि, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर से किसानों से आंदोलन वापस लेने और बातचीत करने की अपील की। भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि कृषि कानून वापस होने के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा।
सिंह ने कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बात नहीं करती। सरकार हमेशा कानूनों में संशोधन की बात करती है। हम चाहते हैं कि वे कानूनों को वापस लें। हम चाहते हैं कि वे एमएसपी पर एक कानून लायें। राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा कि वह किसी शर्त के साथ कोई बातचीत नहीं करेंगे। कक्का ने कहा कि पिछले सात महीने में हमने छह सौ किसान खो दिए हैं और वह (सरकार) हमसे आंदोलन खत्म करने को कह रहे हैं। किसी शर्त पर कोई बातचीत नहीं होगी। अगर सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला एक नया कानून लाती है तब हम उन्हें धन्यवाद देकर अपने घर चले जाएंगे।
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