Farmers Protest: किसानों का 25 सितंबर को 'भारत बंद' का आह्वान, आंदोलन को गति-विस्तार देने की तैयारी

Farmers Protest: किसानों का 25 सितंबर को भारत बंद का आह्वान, आंदोलन को गति-विस्तार देने की तैयारी
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Farmers Protest: संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि आंदोलन को गति और विस्तार देने के लिए 25 सितंबर को भारत बंद किया जाएगा। तीन सत्रों में आयोजित सम्मेलन का दूसरा सत्र श्रमिकों पर थोपे गए4 लेबर कोड पर आधारित रहा। इसे रद्द करने सहित दूसरी समस्याओं पर श्रमिक संगठनों के नेताओं ने संबोधित किया।

Farmers Protest दिल्ली के बॉर्डरों (Delhi Border) पर किसानों का कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर केंद्र (Central Government) के खिलाफ आंदोलन पिछले नौ महीने (9 Months Complete) से जारी है। केंद्र ने अभी तक कृषि कानूनों को वापिस नहीं लिया है वहीं किसानों का कहना है कि जल्द ही सरकार को काले कानूनों को रद्द करने होंगे ताकि हम घर जा सकते है। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन (National Convention) चल रहा है। जिसमें 1500 प्रदर्शनकारी हिस्सा ले रहे है। पिछले नौ महीने से नए कृषि कानूनों को निरस्त करने, एमएसपी की गारंटी के लिए कानून सहित दूसरी मांगों के समर्थन में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन चल रहा है।

इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि आंदोलन को गति और विस्तार देने के लिए 25 सितंबर को भारत बंद किया जाएगा। तीन सत्रों में आयोजित सम्मेलन का दूसरा सत्र श्रमिकों पर थोपे गए4 लेबर कोड पर आधारित रहा। इसे रद्द करने सहित दूसरी समस्याओं पर श्रमिक संगठनों के नेताओं ने संबोधित किया।

उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन के नौ महीने पूरे होने की पृष्ठभूमि में आज कहा कि इन 'कृषि विरोधी' कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने 'फार्मर्स प्रोटेस्ट' हैशटैग से ट्वीट किया कि खेत को रेत नहीं होने देंगे, मित्रों को भेंट नहीं देने देंगे। कृषि विरोधी कानून वापस लो।

किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि सभी मांगें पूरा होने तक शांतिपूर्ण विरोध जारी रखने का किसानों को संकल्प दोहराया। आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देते हुए शोक प्रस्ताव रखा गया। आपको बता दें कि किसान पिछले साल नंवबर से दिल्ली बॉर्डरों पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

उन्होंने बार-बार कानूनों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म करने और उन्हें बड़े कॉर्पोरेट की दया का मोहताज बनाने का भय व्यक्त किया है। सरकार और किसानों के बीच इस संबंध में 11 दौर की बातचीत हुई, लेकिन दोनों पक्षों के बीच गतिरोध अब भी कायम है।

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