Farmers Protest: दिल्ली के बॉर्डरों पर गांव से वापस लौटने लगे हजारों किसान, SKM ने केंद्र को चेताया

Farmers Protest नए कृषि कानूनों (New Farm) को लेकर केंद्र (Central Government) के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। दिल्ली के बॉर्डरों (Delhi Border) पर गांव से हजारों किसान पहुंचने लगे है। वहीं केंद्र और किसानों के बीच एक बार फिर से गतिरोध देखने की संभावना पैदा हो रही है। क्योंकि किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि गांव से फसल काटने के बाद किसाना वापस सीमाओं पर आने लगे है। इसलिए जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती किसान वापस नहीं जाएंगे। आपको बता दें कि पंजाब के करनाल और निकटवर्ती इलाके से हजारों किसान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन से जुड़ने सिंघू बॉर्डर पहुंचे। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने इस बारे में बताया। आंदोलन कर रही 40 यूनियनों के प्रधान संगठन एसकेएम ने एक बयान में बताया कि फसल की कटाई के मौसम के बाद लगातार किसान दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच रहे हैं।
किसान आयुक्त कार्यालय का करेंगे घेराव
एसकेएम ने कहा है कि उसके सदस्य हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और इस महीने हिसार में किसानों पर हमला करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर सोमवार को हिसार आयुक्त कार्यालय का घेराव करेंगे। केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर पिछले साल नवंबर से ही हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। एसकेएम ने बताया कि अलग-अलग वाहनों से हजारों किसान रविवार को सिंघू बॉर्डर पहुंचे हैं। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में करनाल और आसपास के इलाके से किसानों का काफिला आया है। बयान में कहा गया कि फसल की कटाई के लिए जो किसान गांव चले गए थे, वे अब वापस प्रदर्शन स्थल पर लौट रहे हैं।
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने किया तिरंगा मार्च भी आयोजित
किसान उत्साहित हैं और मांगे स्वीकार होने पर ही यह आंदोलन खत्म होगा।'' एसकेएम ने बताया कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने तिरंगा मार्च भी आयोजित किया। एसकेएम ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान सोमवार को स्वतंत्रता सेनानी करतार सिंह सराभा की जयंती मनाएंगे। हिसार पुलिस ने 16 मई को कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने आए खट्टर के आयोजन स्थल पर जाने से रोकने के लिए किसानों के एक समूह पर कथित रूप से लाठियां बरसाई थी और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। किसानों ने दावा किया था कि लाठीचार्ज में 50 से ज्यादा किसान घायल हो गए थे। वहीं, एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया था कि घटना में एक डीएसपी समेत 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।
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