Farmers Protest: किसान आंदोलन होगा और तेज, प्रदर्शनकारी केएमपी एक्सप्रेसवे पर आज 5 घंटे करेंगे नाकाबंदी

Farmers Protest: किसान आंदोलन होगा और तेज, प्रदर्शनकारी केएमपी एक्सप्रेसवे पर आज 5 घंटे करेंगे नाकाबंदी
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Farmers Protest: किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों से कहा कि उन्हें एक साल और यहीं पर डटे रहना होगा। हम पूरी तरह तैयार हैं। जब तक सरकार हमें सुनती नहीं, हमारी मांगों को पूरा नहीं करती, हम यहां से नहीं हटेंगे। वहीं, गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि उन्हें नहीं पता यह आंदोलन कब तक चलेगा लेकिन जीत मिलने तक किसानों की यह लड़ाई जारी रहेगी।

नये कृषि कानून (Farm Laws) के विरोध में केंद्र (Central Government) के खिलाफ दिल्‍ली की सीमाओं ( Delhi Border) पर चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) के 100 दिन पूरे हो गए हैं। लेकिन केंद्र ने उनकी मांगे अभी तक नहीं मानी है। वहीं किसानों ने भी हार नहीं मानी है। लंबी लड़ाई के मूड में अभी भी डटे हुए है। किसान आंदोलन के सौ दिन पूरे होने पर किसान अपने घरों पर काले झंडे लगाकर और हाथों पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराएंगे। इसके साथ ही आज केएमपी (कुंडली मानेसर पलवल) एक्सप्रेसवे पर 5 घंटे की नाकाबंदी की जाएगी।

किसान आंदोलन को फिर से तेज करते हुए दादरी, ग्रेटर नोएडा, डासना और दुहाई में किसान विरोध प्रदर्शन करते हुए जाम लगाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के डॉ. दर्शन पाल सिंह ने बताया कि सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर से सटे केएमपी एक्सप्रेसवे पर जहां टोल होगा वहां नाकेबंदी होगी। सभी टोल मुफ्त कराएंगे। हम शनिवार को काला दिवस के रूप में मनाएंगे। यह नाकंबेदी पूरी तरह शांतिपूर्ण होगी और किसान इसके जरिए अपने आंदोलन को नई दिशा भी देंगे।

उधर किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों से कहा कि उन्हें एक साल और यहीं पर डटे रहना होगा। हम पूरी तरह तैयार हैं। जब तक सरकार हमें सुनती नहीं, हमारी मांगों को पूरा नहीं करती, हम यहां से नहीं हटेंगे। वहीं, गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि उन्हें नहीं पता यह आंदोलन कब तक चलेगा लेकिन जीत मिलने तक किसानों की यह लड़ाई जारी रहेगी। दिल्ली के अलावा मध्यप्रदेश के छतरपुर में भी 87 दिनों से किसानों का धरना-प्रदर्शन चल रहा है। पुलिस प्रशासन ने अब तक उन्हें न तो टेंट लगाने की अनुमति दी ही और न ही कोई अन्य सहायता प्रदान की। यहां 3 और 4 मार्च को महापंचायत आयोजित की गई जिसके बाद टेंट लगाने की अनुमति दी गई है। आने वाले समय में मध्यप्रदेश में महापंचायत करने की योजना है।

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