दिल्ली में पौधारोपण के लिए चार एजेंसियों को मिली मंजूरी, केजरीवाल सरकार ने दी जानकारी

दिल्ली में पौधारोपण के लिए चार एजेंसियों को मिली मंजूरी, केजरीवाल सरकार ने दी जानकारी
X
वन विभाग द्वारा प्रकाशित विज्ञापन की प्रतिक्रिया में 13 एजेंसियों ने अपनी रुचि की अभिव्यक्ति भेजी थी। पिछले साल जारी अधिसूचना के अनुसार, पौधारोपण नीति के तहत, संबंधित एजेंसियों को उनकी परियोजना द्वारा प्रभावित पेड़ों के बदले नए स्थान पर 80 प्रतिशत पेड़ खुद लगाने हैं। प्रत्येक पेड़ के बदले दस पौधे लगाने हैं।

Delhi Pollution दिल्ली में हरियाली लाने और प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार (Delhi Government) नए-नए कदम उठा रही है। इसी बीच, केजरीवाल सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में पौधे (Plantation) लगाने के लिए चार तकनीकी एजेंसियों (Four Agencies Approval) को सूचीबद्ध करने को मंजूरी दी। हैदराबाद की 'ग्रीन मॉर्निंग हॉर्टिकल्चर प्राइवेट लिमिटेड', नयी दिल्ली स्थित रोहित नर्सरी, गुड़गांव की डीडी एमईपी इंजीनियर्स और आर पी एंटरप्रेन्योर्स को सूचीबद्ध किया गया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि शोध और अध्ययन के बाद, दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने राजधानी में पौधारोपण के लिए चार एजेंसियों को सूचीबद्ध करने की मंजूरी दी है।

आवेदनकर्ताओं को इनमें से ही एक एजेंसी का चयन करना होगा। वन विभाग द्वारा प्रकाशित विज्ञापन की प्रतिक्रिया में 13 एजेंसियों ने अपनी रुचि की अभिव्यक्ति भेजी थी। पिछले साल जारी अधिसूचना के अनुसार, पौधारोपण नीति के तहत, संबंधित एजेंसियों को उनकी परियोजना द्वारा प्रभावित पेड़ों के बदले नए स्थान पर 80 प्रतिशत पेड़ खुद लगाने हैं। प्रत्येक पेड़ के बदले दस पौधे लगाने हैं।

प्रत्येक पेड़ के बदले दस पौधे लगाने का फैसला

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि शोध और अध्ययन के बाद, दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने राजधानी में पौधारोपण के लिए चार एजेंसियों को सूचीबद्ध करने की मंजूरी दी है। आवेदनकर्ताओं को इनमें से ही एक एजेंसी का चयन करना होगा। वन विभाग द्वारा प्रकाशित विज्ञापन की प्रतिक्रिया में 13 एजेंसियों ने अपनी रुचि की अभिव्यक्ति भेजी थी। पिछले साल जारी अधिसूचना के अनुसार, पौधारोपण नीति के तहत, संबंधित एजेंसियों को उनकी परियोजना द्वारा प्रभावित पेड़ों के बदले नए स्थान पर 80 प्रतिशत पेड़ खुद लगाने हैं। प्रत्येक पेड़ के बदले दस पौधे लगाने हैं।

Tags

Next Story