उड़ीसा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र से चार नशा तस्कर गिरफ्तार, 22.400 किलो गांजा जब्त

उड़ीसा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र से चार नशा तस्कर गिरफ्तार, 22.400 किलो गांजा जब्त
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दक्षिण पूर्वी जिले के एंटी नारकोटिक्स स्क्वाड ने उड़ीसा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र की खाक छानकर चार नशा तस्करों को अरेस्ट किया है। इनके नाम राम खिला उर्फ राम, वीर सिंह, राजेंद्र उर्फ राजेश और राजकुमार उर्फ बाबा है। इनके कब्जे से 22.400 किलो गांजा बरामद किया गया है।

नई दिल्ली। दक्षिण पूर्वी जिले के एंटी नारकोटिक्स स्क्वाड ने उड़ीसा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र की खाक छानकर चार नशा तस्करों को अरेस्ट किया है। इनके नाम राम खिला उर्फ राम, वीर सिंह, राजेंद्र उर्फ राजेश और राजकुमार उर्फ बाबा है। इनके कब्जे से 22.400 किलो गांजा बरामद किया गया है।

पुलिस के अनुसार दक्षिण पूर्व जिले के क्षेत्र में सक्रिय नशा तस्करों को पकड़ने के लिए एक टीम का गठन किया गया था। गत दिनों गुप्त सूचना मिली कि कालिंदी कुंज क्षेत्र में एक व्यक्ति मादक पदार्थ बेचने के लिए आएगा। इसके बाद इंडेन गैस प्लांट, आगरा कैनाल रोड, मदनपुर खादर, दिल्ली के पास जाल बिछाया गया। इसी बीच दो बैग ले जा रहे शख्स पर पुलिस की नजर पड़ी। मुखबिर ने उसकी ओर इशारा किया और बताया कि वह कथित ड्रग पेडलर है। टीम ने तुरंत उसे पकड़ लिया। उनके बैग की जांच करने पर उन्हें कुल 22.400 किलोग्राम गांजा मिला।

पूछताछ करने पर उसकी पहचान वीर सिंह पुत्र डालचंद निवासी भरतपुर, राजस्थान उम्र 43 वर्ष पता चली। आगे उसकी निशानदेही पर उसके साथियों राजेंद्र उर्फ राजेश और राजकुमार उर्फ बाबा को भीम बस्ती, दक्षिणी दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। वह नशीले पदार्थों की आपूर्ति में उसकी मदद करता था। जांच के दौरान आरोपी राजकुमार उर्फ बाबा ने खुलासा किया कि वह दक्षिण दिल्ली में सक्रिय ड्रग पेडलर्स में से एक से प्रभावित था। वह उड़ीसा/आंध्र प्रदेश सीमा क्षेत्र से गांजा लाता था। इसके अलावा उसने खुलासा किया कि वह कई बार उड़ीसा और आंध्र प्रदेश में उड़ीसा में एक मुख्य आपूर्तिकर्ता से गांजा खरीदने के लिए गया था।

तत्पश्चात मुख्य आपूर्तिकर्ता राम खिला उर्फ रामा को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम आरोपी राजकुमार उर्फ बाबा को लेकर उड़ीसा रवाना हो गई। टीम ने रामा का जंगल में पीछा किया लेकिन वह घने जंगल के भीतर स्थित एक आदिवासी गांव में छिपने में कामयाब रहा। टीम ने इलाके की घेराबंदी की और उसका पता लगाने के लिए उस इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया। तलाशी अभियान के दौरान, स्थानीय आदिवासियों ने आरोपी रामा का समर्थन किया और उन्होंने आरोपी रामा की गिरफ्तारी से बचने के लिए पुलिस का कड़ा विरोध किया। लेकिन पुलिस टीम ने बहादुरी दिखाते हुए आरोपी रामा को पकड़ने में सफलता हासिल की।

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