अमिताभ बच्चन के रिश्तेदार व एस्कार्ट ग्रुप के पूर्व वीसी के साथ हुई ठगी

अमिताभ बच्चन के रिश्तेदार व एस्कार्ट ग्रुप के पूर्व वीसी के साथ हुई ठगी
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अमिताभ बच्चन के समधी राजन नंदा के भाई अनिल नंदा के साथ करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है। अनिल की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया है।

नई दिल्ली। अमिताभ बच्चन के समधी राजन नंदा के भाई अनिल नंदा के साथ करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है। अनिल की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया है। सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान पुलिस ने तीन आरोपियों अवनीश चंद्र झा, माजिद अली (सीए) और राधा कृष्ण (सेक्रेटरी) को गिरफ्तार किया है। अन्य की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।

शिकायतकर्ता के मुताबिक आरोपियों का बड़ा और हाई प्रोफाइल गैंग है। इस गिरोह का संबंध चंद्रा स्वामी, दाऊद इब्राहिम और अबू सलेम जैसे हाई प्रोफाइल अपराधियों से भी है। इसलिये यह गिरोह ज्यादातर हाई प्रोफाइल लोगों के साथ ठगी और उनकी जमीनों पर कब्जा करने में सक्षम है। इस गिरोह में सीए और वकील भी शामिल बताये गये हैं। सूत्रों के अनुसार, अवनीश चंद्र झा, माजिद अली व राधा कृष्ण की गिरफ्तारी रविवार को की गई है। इनकी निशानदेही पर अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में गिरफ्तार तीन लोगों के अलावा धमेंद्र सिंह, पीएसओ अशोक, विवेक, पीएसओ कन्नू को भी नामजद करवाया है।

इन सभी पर शिकायतकर्ता की कंपनियों के शेयर, फ्रेंड्स कालोनी में स्थित करोड़ों का घर, कुछ अन्य जगह की प्रॉपर्टी व लुधियाना में जमीन को जालसाजी के जरिये बेचने का प्रयास व उस पर कब्जा जमाने का आरोप लगाया है। यहां तक कि शिकायतकर्ता को जालसाजों ने उसके लग्जरी घर से बाहर किया जा चुका है और वह होटल में रहकर जिंदगी गुजार रहे हैं। शिकायतकर्ता अनिल नंदा ने बताया कि उनकी 2016 में न्यायिक हिरासत के दौरान तिहाड़ जेल में अवनीश चंद्र झा से मुलाकात हुई थी। उसने खुद को क्वालिफाइड वकील, सेल्फ स्टाइल्ड गोडमेन और ज्योतिष बताया था। उन्हें सभी कानूनी पचड़ों से बाहर निकालने का दावा कर धीरे धीरे नंदा का विश्वास जीता गया।

इसके बाद जेल से बाहर आकर जिस समय नंदा की आर्थिक स्थिति काफी खराब भी उसकी मदद कर विश्वास और भी पक्का कर लिया। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपी ने एक समय उसके घर के बिजली के बिल और नौकरों की सेलरी तक खुद दी थी। लेकिन धीरे धीरे जैसे ही उसे नंदा की कमजोरियों का पता चलता गया वह उसे अपने जाल में फंसाने की नई नई योजनाएं बनाने लगा। आखिर में शिकायतकर्ता को धर्म कर्म के कांड में फंसाकर मानसिक तौर पर इतना कमजोर कर दिया कि उनके गैर जरुरी कागजातों पर धोखे से हस्ताक्षर तक करवा लिये गये। आज वह होटल में रह रहे हैं। उन्हें उनके घर में आरोपी घुसने तक नहीं दे रहे। एक तरह से उनके घर पर आरोपियों ने कब्जा कर लिया है। उनकी लुधियाना में जमीन को भी बेचने का प्रयास किया जा रहा है।

एस्कॉर्ट ग्रुप के पूर्व वाइस चेयरमैन हैं पीड़ित

जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी इससे पहले सैकड़ों लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं। अनिल नंदा फ्रेंड्स कालोनी में रहते हैं। वह एस्कार्ट ग्रुप के पूर्व वाइस चेयरमैन हैं। उनको यमाहा ग्रुप को भारत में लाने का श्रेय दिया जाता है। उनकी शिकायत पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 24 दिसंबर को एफआइआर दर्ज की है। मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई गई है।

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