दिल्ली के लिए खुशखबरी! वन्य जीवों को बचाने के लिए बनाया जाएगा पहला सरकारी केंद्र

दिल्ली के लिए खुशखबरी की बात है कि घायल वन्य जीवों को बचाने के लिए सरकार केंद्र बनाया जाएगा। साथ ही वन एवं वन्यजीव विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि तेंदुआ और सियार सहित घायल जंगली जानवरों तथा अनजाने में मानव बस्ती में प्रवेश कर जाने वाले वन्य जीवों को बचाने के लिए दिल्ली में जल्द ही तीन त्वरित प्रतिक्रिया टीम गठित की जाएंगी।
अभी तक एनजीओ द्वारा बचाये जाते थे वन्य जीव
अब तक विभाग घायल जंगली जानवरों को बचाने के लिए वन्यजीव गैर सरकारी संगठनों और दिल्ली प्राणि उद्यान के विशेषज्ञों की मदद लेता था। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह समन्वित कवायद होती है। जब कभी हमें किसी जंगली जानवर के घायल होने या कहीं फंसे होने की सूचना मिलती है तो हमारे अधिकारी उस स्थान पर जाते हैं। उसके बाद विशेषों की मदद मांगी जाती है।
पांच-पांच सदस्यों वाली तीन टीम होगी गठित
अधिकारी ने कहा कि हम एक विभाग के रूप में विकसित होने तथा कहीं अधिक जिम्मेदारी लेने की कोशिश कर रहे हैं। हम सियार, नीलगाय और यहां तक कि सांप जैसे वन्य जीवों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए विशेषज्ञ कौशल हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। विभाग दक्षिण, पश्चिम और उत्तर वन क्षेत्रों में पांच-पांच सदस्यों वाली तीन टीम गठित करने पर काम कर रहा है।
1.23 एकड़ में फैला होगा केंद्र
इन टीमों को नेवला, बंदर, सांप, सियार, नीलगाय, तेंदुआ सहित अन्य वन्य जीवों को बचाने के लिए तैनात किया जाएगा। घायल जंगली वन्य जीवों को बचाया जाएगा और उनका गुरुग्राम के पास रजोकरी में प्रस्तावित जंगली जानवर बचाव केंद्र में इलाज किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि यह केंद्र राष्ट्रीय राजधानी में इस तरह का पहला सरकारी केंद्र होगा। यह 1.23 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला होगा और वहां पक्षियों का भी इलाज किया जाएगा। इसके इस साल के अंत तक तैयार हो जाने की संभावना है।
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