जब तक सारे निर्णय अफसरों के दफ्तरों में होंगे तब तक गवर्नेंस सफल नहीं हो सकती

नई दिल्ली। जब तक सारे निर्णय सचिवालय और अफसरों के दफ्तरों में होंगे तब तक गवर्नेंस कभी भी सफल नहीं हो सकती। यह बात गुरुवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के पंचशील क्लब में दिल्ली की आरडब्ल्यूए से संवाद करने के दौरान कही। केजरीवाल ने गुरुवार को दिल्ली की सभी आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया और एमसीडी में आप की सरकार बनने के बाद आरडब्ल्यूए को मिनी पार्षद का दर्जा दिए जाने और इसे लागू करने को लेकर उनसे सुझाव लिए। इस संवाद का संचालन ग्रेटर कैलाश से विधायक सौरभ भारद्वाज ने किया।
आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं जब राजनीति में नहीं आया था, तबसे ही मैं इस बात पर विश्वास करता था कि जब तक गवर्नेंस को विकेंद्रीकृत नहीं किया जाएगा, जब तक सारे निर्णय सचिवालय और अफसरों के दफ्तरों में होंगे तब तक गवर्नेंस कभी भी सफल नहीं हो सकती। अगर सरकारी पैसे की बात की जाए, तो सरकारी पैसा बहुत सीमित होता है। हम कई बार देखते हैं कि हमारे घर के सामने की सड़क का फूटपाथ साल में तीन बार तोड़ कर बना दिया। लेकिन काम कराने जाओ, तो कहते हैं कि फंड नहीं है। फंड तो है, लेकिन उस फंड का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। कई बार हम देखते हैं कि कागजों में काम हो गया, लेकिन असल में काम नहीं हुआ।
वहां की जनता को इसमें शामिल कर लिया और जनता से पूछ कर उसका पेमेंट किया जाए कि काम सही हुआ या नही ंतो यह समस्या खत्म हो सकती है। कई बार हम देखते हैं कि पैसा सीमित है और जिस काम की हमें जरूरत नहीं है, उस काम को सरकार करवाए जा रही है। जिस काम की जरूरत है, उस काम को सरकार नहीं करवा रही है। अगर जनता से पूछ कर काम करवाए जाएंगे, तो शायद आपकी मर्जी के काम हो जाएं। इन सारी चीजों को देखते हुए हम हमेशा सोचते थे और हमारी पार्टी की फिलॉसफी भी यही है कि उसमें जनता की सीधी भागीदारी होनी चाहिए। कम से उन मुद्दों पर अवश्य होनी चाहिए, जो मुद्दे उस एरिया की जनता को सीधे प्रभावित करते हैं। हमारा यह भी मानना है कि बड़े स्तर पर भी जनता से पूछ कर काम हो। वह समय कब आएगा, यह अभी नहीं पता। लेकिन आपके घर के सामने की, इलाके की जितनी समस्याएं हैं, उन समस्याओं पर आप खुद निर्णय ले सकें और बिना किसी के अप्रूवल के उसको लागू कर सकें, ऐसा सिस्टम हम लोग लाना चाहते थे।
केजरीवाल ने इस दौरान गारंटी दी है कि एमसीडी में आप की सरकार बनने के बाद आरडब्ल्यूए अपनी एरिया के पार्षद होंगे और दिल्ली की जनता एमसीडी चलाएगी। फ्यूमिगेशन, पेड़ों की छंटाई समेत अन्य स्थानीय चीजों पर आरडब्ल्यूए को आर्थिक और निर्णय लेने की शक्ति होगी। हमने दिल्ली को 3500 मोहल्ला सभा में बांटने कोशिश की थी, लेकिन बीजेपी की एमसीडी का सहयोग नामुमकिन था। इसलिए यह ठंड़े बस्ते में चला गया। अब हम आरडब्ल्यूए को इसमें सक्रिय रूप से शामिल करेंगे। जनता मूक दर्शक बनकर न रह जाए, इसके लिए हम एक सक्रीय प्लेटफार्म बनाना चाहते हैं, जिससे कि सरकार के साथ दो तरफा संवाद बना रहे। इसे हम बहुत व्यापक परामर्श करके प्लान करेंगे। आरडब्ल्यूए को थोड़ी-थोड़ी पावर देंगे और गलतियों का सुधार करते जाएंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जैसे हमने दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक बनाया, सरकारी स्कूल- अस्पताल अच्छे कर दिए, आज इसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है।
आरडब्ल्यूए मिनी पार्षद बन जाएंगे, तो वहां जनता से पूछ कर निर्णय लिए जाएंगे
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने दिल्ली सरकार के जरिए कोशिश की कि एक मोहल्ला सभा कानून बनाया जाए। आतिशी ने पूरी दिल्ली को साढ़े तीन हजार मोहल्लों में बांटा। लेकिन एमसीडी की सक्रिय भागीदारी के बिना यह संभव नहीं था। अभी तक एमसीडी में भाजपा थी और उनसे किसी तरह की उम्मीद करना संभव नहीं था। इसलिए यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। लेकिन अब हमारा मानना है कि हम आरडब्ल्यूए को इस पूरे काम में सक्रिय रूप से शामिल करें। आरडब्ल्यूए जनता के बहुत ज्यादा करीब रहती है और सबसे ज्यादा काम भी करती है। खासकर कोरोना के समय में मैंने देखा कि बहुत सारी आरडब्ल्यूए ने बहुत शानदार काम किया। हम चाहते हैं कि सरकारी की तरफ से आरडब्ल्यूए को न्यूनतम कुछ फंड दिए जाएं। अगर आप अपनी-अपनी एरिया के मिनी पार्षद बन जाएंगे, तो वहां जनता से पूछ कर निर्णय लिए जाएंगे।
मेरा सरकार और निगम से भी ज्यादा काम करें आरडब्ल्यूए
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरा सपना है कि दिल्ली सरकार कम से कम काम करे, एमसीडी दिल्ली सरकार से थोड़ा ज्यादा काम करे और सबसे ज्यादा काम आरडब्ल्यूए करे। सबसे ज्यादा पावर आरडब्ल्यूए को दी जाए, सरकार आरडब्ल्यूए ही चलाए। इसमें सभी लोगों के भागीदारी की जरूरत पड़ेगी। आरडब्ल्यूए में सिक्युरिटी गार्ड को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस हम सोच रहे थे कि सिक्युरिटी को क्या हम सिविल डिफेंस वालेंटियर के जरिए कर सकते हैं। हम इस पर काम कर रहे हैं। त्योहार मनाने के लिए पैसा दे सकते हैं। यह बड़ी चीज नहीं है। मैं एमएलए फंड से आरडब्ल्यूए ऑफिस के लिए पोटा केबिन बनवा दूंगा। फर्नीचर भी उपलब्ध कराएंगे। आरडब्ल्यूए से मिले सुझाव का जिक्र करते हुए कहा कि मच्छरों की रोकथाम की दवा के छिड़काव की मांग बहुत छोटी चीज है। यह तो तुरंत लागू की जा सकती है। पेड़ की छटाई भी बहुत छोटी चीज है। अगर आरडब्ल्यूए को पावर दे दी जाए, तो करा सकती है।
आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों ने सीएम केजरीवाल को दिए सुझाव
दिल्ली की आरडब्ल्यूए से संवाद के दौरान कई आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों ने सीएम अरविंद केजरीवाल को सुझाव भी दिए। मयूर विहार फेस दो पाकेट ई की आरडब्ल्यू प्रेसिडेंट देवेंद्र जुटला ने सुझाव दिया कि आपने आरडब्ल्यूए को मिनी पार्षद का दर्जा देने का जो वादा किया है, यह एक बहुत बड़ी बात है। अगर यह हो जाता है, तो आरडब्ल्यूए के लिए बहुत बड़ी राहत होगी। आरडब्ल्यूए हमेशा ही फंड और काम के लिए परेशान रहता है। काउंसलर काम नहीं करते हैं, जबकि हमारी जवाबदेही जनता के प्रति होती है। वहीं कालकाजी एक्सटेंशन ब्लाक-आठ से आरडब्ल्यूए प्रतिनिधि सोभना खन्ना ने सुझाव दिया कि दिल्ली में हर तरफ मच्छर ही मच्छर हैं। मेरी अपील है कि आप आरडब्ल्यूए को इतना सशक्त कर दें कि हम फ्यूमिगेशन खुद कर सकें। इसके लिए हम बहुत आभारी होंगे। वहीं जीके वन ई-ब्लॉक आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि राजीव काकरिया ने सुझाव दिया कि हमारी लंबे समय से मांग है कि आरडब्ल्यूए को मान्यता प्राप्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें सोसायटी एक्ट के ऊपर काम करने होंगे। अभी कोई पांच लोग अपनी सोसायटी खड़ी कर सकते हैं और आरडब्ल्यूए की मान्यता प्राप्त कर लेते हैं। एक्ट के अनुसार हर एरिया में एक ही आरडब्ल्यूए बनाया जाए। द्वारका के सेक्टर-18 आरडब्ल्यूए प्रतिनिधि धीरज कपूर ने सुझाव दिया कि हमारी सारी शिकायतें एमसीडी से हैं, लेकिन हम आपसे कर रहे हैं, क्योंकि हमें आपसे उम्मीद है।
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