HC ने दिल्ली सरकार की खिंचाई, पूछा- क्यों कोविड-19 के मामले बढ़ने के बावजूद दी गई ढील?

दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस के मामले बढ़ने को लेकर दिल्ली सरकार की जमकर क्लास ली। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बावजूद लोगों की आवाजाही और एक जगह एकत्र होने के नियमों में दी जा रही ढील को लेकर बुधवार को दिल्ली सरकार की खिंचाई करते हुए पूछा कि क्या इस भयानक स्थिति से निपटने के लिए उसके पास कोई रणनीति या नीति है। अदालत इस मामले में अगली सुनवाई 19 नवंबर को करेगी।
संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने क्या कदम उठाए: हाईकोर्ट
न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि गत दो सप्ताह में दिल्ली ने कोविड-19 मरीजों के मामले में महाराष्ट्र और केरल को पीछे छोड़ दिया है, ऐसे में संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। अदालत ने रेखांकित किया कि 10 नवंबर को दिल्ली में 8,593 नए मामले आए और संक्रमितों की संख्या बढ़ ही रही है, शहर में कंटेनमेंट जोनों की संख्या बढ़कर 4,016 हो गई है। पीठ ने रेखांकित किया कि नवीनतम सीरो सर्वेक्षण के मुताबिक प्रत्येक चार लोगों में से एक में कोविड-19 का संक्रमण पाया गया। सीरो सर्वेक्षण का संदर्भ देते हुए अदालत ने कहा कि कोई भी घर बचा नहीं है।
दिल्ली सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर हाईकोर्ट ने उठाये सवाल
अदालत ने पूछा कि दिल्ली सरकार ऐसी स्थिति में नियमों में ढील दे रही है जब अन्य राज्य पाबंदियों को दोबारा लागू कर रहे हैं। अदालत ने 200 लोगों को सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने और सार्वजनिक परिवहन को पूरी क्षमता से चलाने की अनुमति के पीछे के तर्क पर सवाल किया। पीठ ने कहा कि इससे संक्रमण का प्रसार तेजी से हो सकता है। अदालत ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता सत्यकाम से जानना चाहा कि वह (सरकार) मास्क पहनने को सुनिश्चित करने के लिए क्यों नहीं कोई कानून ला रही जिसे वास्तविक टीका आने तक प्रभावी सुरक्षा उपाय करार दिया जा रहा है।
केजरीवाल ने हर्षवर्धन को पत्र लिखा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से दिल्ली में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया है। केजरीवाल ने यह अनुरोध उस अनुमान के मद्देनजर किया है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में कोरोना वायरस के तीसरे दौर के दौरान आगामी हफ्तों में कोविड-19 के रोजाना 15,000 मामले सामने आ सकते हैं। मुख्यमंत्री ने पिछले सप्ताह हर्षवर्धन को लिखे पत्र में अस्पतालों में लगभग 4,900 बिस्तर कम होने की बात कही। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि वह दिल्ली में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों को 300 आईसीयू समेत कम से कम 1,092 अतिरिक्त बिस्तरों और जरूरी चिकित्सा कर्मियों का प्रबंध करने का निर्देश दें।
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