स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने टीके खरीदने को लेकर केंद्र से किया ये अनुराध, केंद्रीय मंत्री से की बात

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने टीके खरीदने को लेकर केंद्र से किया ये अनुराध, केंद्रीय मंत्री से की बात
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सत्येंद्र जैन ने कहा कि केन्द्र को टीके के दाम तय करने चाहिये। कंपनियों को संकट के दौरान भारी मुनाफा कमाने की छूट नहीं दी जा सकती। मंत्री ने कहा कि उन्होंने हर्षवर्धन से अनुरोध किया कि टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिये इनका फॉर्मूला अन्य कंपनियों के साथ साझा किया जाना चाहिये।

Delhi Corona Vaccination दिल्ली में टीकाकरण अभियान को रोक दिया गया है। क्योंकि राज्य के पास वैक्सीन की कमी हो गई है। यही हालात पूरे देशभर का है। ऐसे में दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने केन्द्र सरकार (Central Government) से अनुरोध किया है कि राज्यों के बजाय वह ही अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Market) से टीके खरीदे। स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन (Satyendra Jain) ने गुरुवार को यह बात कही। जैन ने कहा कि उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan) के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंस (Video Conference) के दौरान विभिन्न मुद्दों पर बात की।

उन्होंने कहा कि केन्द्र को टीके के दाम तय करने चाहिये। कंपनियों को संकट के दौरान भारी मुनाफा कमाने की छूट नहीं दी जा सकती। मंत्री ने कहा कि उन्होंने हर्षवर्धन से अनुरोध किया कि टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिये इनका फॉर्मूला अन्य कंपनियों के साथ साझा किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि हमें टीकों की वैश्विक निविदा आमंत्रित नहीं करनी चाहिये। राज्य अलग से निविदा आमंत्रित क्यों करें? इससे देश की बदनामी होगी।

इससे पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने गुरुवार को कहा कि कोविड के टीकों के लिए राज्यों के, अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक-दूसरे से झगड़ने और प्रतियोगिता करने से भारत की छवि खराब होती है। उन्होंने दिल्ली और कई अन्य राज्यों में टीकों की खुराकों की कमी की पृष्ठभूमि में कहा कि केंद्र को राज्यों की तरफ से टीकों की खरीद करनी चाहिए। उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र से, महाराष्ट्र ओडिशा से, ओडिशा दिल्ली से लड़ रहा है। भारत कहां है? भारत की कितनी खराब छवि बनती है।

भारत को एक देश के तौर पर सभी भारतीय राज्यों की तरफ से टीकों की खरीद करनी चाहिए। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि भारत द्वारा टीका उत्पादन कर रहे देशों का रुख करने से अधिक सौदेबाजी की शक्ति मिलेगी बजाय राज्यों द्वारा व्यक्तिगत रूप से ऐेसा करने के।

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