Liquor Home Delivery : हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा- सुनिश्चित करे की नाबालिगों को नहीं मिलेंगी होम डिलीवरी शराब

दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने बुधवार को सत्ता में बैठी अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की सरकार से यह बताने को कहा कि 'यह कैसे सुनिश्चित किया जाएगा कि होम डिलीवरी योजना के तहत कम उम्र के लोगों को शराब (Liquor) उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। कोर्ट ने सरकार से यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि इस योजना में कैसे पता चलेगा कि शराब खरीदने का ऑर्डर देने वाले की उम्र क्या है।
कोर्ट ने नई आबकारी नीति के तहत शराब की होम डिलीवरी करने की सरकार की योजना के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर विचार करते हुए यह सवाल पूछा है। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने सरकार से यह भी बताने को कहा कि शराब की होम डिलीवरी के लिए ऑर्डर देने वाले व्यक्ति की उम्र की पुष्टि करने की प्रक्रिया क्या होगी।
कोर्ट ने सरकार से कहा कि आप शराब खरीदने वाले की उम्र का वेरिफिकेशन (Verification) कैसे करेंगे, इन सवालों का जवाब आपको देना होगा। कोर्ट ने सरकार से कहा कि आप यह नहीं कह सकते कि आप इसका जवाब नहीं देंगे। इस पर दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने पीठ से कहा कि फिलहाल यह केवल मौजूदा नियम में संशोधन है और यह अभी तक लागू नहीं हुआ है। मेहरा ने कहा कि जब भी यह संशोधन लागू होगा, शराब की होम डिलीवरी (Liquor Home Delivery) के लिए ऑर्डर करने वाले ग्राहकों का आधार नंबर या कोई अन्य आयु प्रमाण उपलब्ध कराने का प्रावधान किया जाएगा।
नई नीति के जरिये दिल्ली में शराब पीने की कानूनी उम्र 21 साल है। गैरतलब है कि कोर्ट भाजपा (BJP) सांसद प्रवेश वर्मा (Pravesh Verma) की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। प्रवेश वर्मा ने नई आबकारी नीति के तहत शराब की होम डिलीवरी करने की दिल्ली सरकार (Delhi Government) की योजना को अदालत में चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि शराब की होम डिलीवरी की योजना में कोई उम्र निगरानी प्रक्रिया निर्धारित नहीं की गई है। इस उम्र से कम के लोगों को शराब भी उपलब्ध कराई जा सकती है।
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