हाईकोर्ट ने मेडिकल सीट आरक्षित करने के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (जीजीएसआईपीयू) द्वारा अपने कॉलेजों से स्नातक करने वालों के लिए मेडिकल परास्नातक में 50 फीसदी सीट आरक्षित करने के राज्य कोटा के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की अपील में स्पष्ट तौर पर कोई दम नहीं है। वर्तमान याचिका में कोई दम नहीं है। इसे खारिज किया जाता है।
न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने कहा कि जीजीएसआईपीयू विभिन्न मामलों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर रहा है जिसने परास्नातक सीटों पर 50 फीसदी तक 'सांस्थानिक आरक्षण' को मंजूरी दी है। हाईकोर्ट ने 32 पन्नों के फैसले में कहा कि कानूनी स्थिति को देखते हुए यह स्पष्ट रूप से अनुमतियोग्य है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पहले ही जीजीएसआईपी को मेडिकल परास्नातक में 50 फीसदी सीट आरक्षित करने की अनुमति दी थी।
याचिकाकर्ताओं की अपील में स्पष्ट तौर पर कोई दम नहीं है। वर्तमान याचिका में कोई दम नहीं है। इसे खारिज किया जाता है। याचिका में जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के विभिन्न एमबीबीएस छात्रों एवं अन्य छात्रों ने जीजीएसआईपीयू की नीति को चुनौती दी थी।
इस नीति के तहत जीजीएसआईपीयू ने अपने संबद्ध कॉलेजों के एमबीबीएस छात्रों को 'संस्थागत प्राथमिकता' के तौर पर राज्य कोटा के तहत परास्नातक में 50 फीसदी सीटें आवंटित कर रखी हैं।
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