महामारी के डर से हाईकोर्ट ने हजारों कैदियों की अंतरिम जमानत 45 दिन बढ़ाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर यहां की जेलों भीड़भाड़ कम करने के लिये मंगलवार को 2,901 विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जमानत की अवधि 45 दिन के लिये बढ़ा दी। इससे पहले कोरोना फैलने की डर कई जेलों के कैदियों को अंतरिम जमानत के तौर पर छोड़ा गया था।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की पीठ ने यह आदेश जारी किया कि इस वक्त अदालत के सामान्य कामकाज शुरू होने की कोई समय सीमा का अनुमान नहीं किया जा सकता। साथ ही, इस बारे में भी निश्चितता नहीं है कि महामारी का खतरा कब जा कर सामाजिक दूरी में कमी लाने की जरूरत को कम करेगा। अदालत ने कहा कि इन विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जमानत राहत समाप्त होने की तारीख से पूर्व के समान नियम एवं शर्तों पर 45 दिन के लिये बढ़ाई जाती है।
पीठ ने महानिदेशक (कारागार) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी 2,901 विचाराधीन कैदियों को टेलीफोन एवं अन्य उपलब्ध माध्यम से अदालत के आदेश से अवगत कराया जाए। बहरहाल, अदालत ने अगली सुनवाई के लिये 18 सितंबर की तारीख निर्धारित कर दी।
सुनवाई के दौरान पीठ ने महामारी के मद्देनजर अब तक जमानत पर रिहा किये गये विचाराधीन कैदियों की संख्या और जेल में मौजूद कैदियों की संख्या के बारे में भी पूछा। 30 जुलाई तक कुल 4,439 विचाराधीन कैदियों, दोषियों को अंतरित जमानत या पैरोल या सजा में कमी करते हुए रिहा किया गया तथा करीब 14,000 कैदी अभी जेल में हैं, जबकि जेल की क्षमता 10,026 कैदियों की है। जेलों में भीड़भाड़ कम करने से पहले यह संख्या 18,000 थी।
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