हाईकोर्ट ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने को लेकर डीडीए पर लगाया भारी जुर्माना

दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडीए को फटकार लगाते हुये पर्यावरण को क्षति पहुंचाने को लेकर जुर्माना लगाया है। उन्होंने भू-स्वामित्व एजेंसी डीडीए को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के पास 50 लाख रुपये का पर्यावरण क्षति मुआवजा जमा कराने का निर्देश दिया है। डीपीसीसी ने मालखा-द्वारका रोड पर स्टॉर्म वाटर ड्रेन बनाने से पानी की गुणवत्ता खराब होने के मामले में 10 जुलाई को एक आदेश में डीडीए पर यह जुर्माना लगाया था।
न्यायमूर्ति नवीन चावला ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को 10 अगस्त से दो सप्ताह के अंदर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के पास 50 लाख रुपये जमा कराने का निर्देश दिया। जमा करायी गयी यह राशि पर्यावरण क्षति भरपाई के खिलाफ डीडीए की याचिका के नतीजे के दायरे में रहेगी। हाईकोर्ट ने डीपीसीसी को भी नोटिस जारी कर उसे डीडीए की याचिका पर चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब देने का निर्देश दिया है।
डीपीसीसी की ओर से वकील बिराजा महापात्र पेश हुये थे। इस मामले की अगली सुनवाई अब 20 नवम्बर को होगी। डीडीए ने अपनी याचिका में दक्षिण पश्चिम दिल्ली में समालखा-द्वारका रोड पर स्टॉर्म वाटर ड्रेन बनाने से पानी की गुणवत्ता खराब होने के आरोप में डीपीसीसी द्वारा उस पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के फैसले को चुनौती दी है। दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति नवीन चावला इस मामले की सुनवाई वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई अब 20 नंबर को होगी। उन्होंने डीडीए को आदेश दिया है कि याचिका पर चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करें।
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