दिल्ली में रेलवे ने ट्रैक के किनारे बसी दया बस्ती को खाली करने का दिया नोटिस, कांग्रेस ने किया विरोध

रेलवे ट्रैक (railway track) के किनारे अवैध निर्माण ( illegal construction) और कब्जे को खाली कराने की कवायद शुरू हो गई है। इसी कड़ी में उत्तर रेलवे ने सराय रोहिल्ला स्टेशन (sarai rohilla station) के पास दया बस्ती को खाली करने का नोटिस दिया है। यहां पांच हजार मलिन बस्तियां (northern railway) बसी हैं और करीब 20 हजार लोग यहां रहते हैं।
हालांकि रेलवे के नोटिस का विरोध करते हुए कांग्रेस (congress) ने रेलवे से मांग की है कि बिना पुनर्वास के इन झुग्गियों को नहीं हटाया जाए। स्थानीय लोगों के मुताबिक वह करीब 40 साल से यहां रह रहा है। परिवार बड़ा हुआ तो लोगों ने यहां नई-नई झुग्गियां बना लीं। दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक (railway manager) की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि रेलवे की जमीन पर अनाधिकृत कब्जा किया गया है। जो पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है। इसलिए इस जगह को खाली कर दें।
यदि किसी को कोई आपत्ति है तो वह कार्यालय में ठोस कारण सहित उत्तर दें। वही बस्तियों को खाली करने के नोटिस के विरोध में उत्तरी दिल्ली नगर निगम (north delhi municipal corporation) कांग्रेस नेता प्रेरणा सिंह (prerna singh) ने रेलवे से लोगों के पुनर्वास की मांग की है। इसके साथ ही लोगों ने झुग्गी खाली करने का विरोध भी किया है। मंडल रेल प्रबंधक को प्रेरणा सिंह ने दिए अपने ज्ञापन में कहा कि ये लोग लंबे समय से यहां रह रहे हैं।
ऐसे में बिना पुनर्वास के उनसे यह जगह खाली नहीं की जानी चाहिए। क्योंकि, कोरोना महामारी (corona pandemic) के चलते यहां रहने वाले लोग पहले से ही तंग आर्थिक स्थिति में जी रहे हैं। रेलवे पहले भी पटरियों से अतिक्रमण हटाने की कोशिश कर चुका है।
सितंबर 2020 में, सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने दिल्ली की रेलवे पटरियों (railway tracks) के साथ 48,000 झुग्गियों को हटाने का आदेश दिया। उस समय रेलवे ने अतिक्रमण हटाने के लिए बड़े पैमाने पर योजना बनाई थी। मामला अभी भी शीर्ष अदालत में है। दिल्ली की बात करें तो 140 किमी लंबी पटरियों के पास करीब 48,000 झुग्गियां हैं।
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