दिल्ली से कानपुर के बीच नए ट्रैक पर जल्द चलेंगी ट्रेन, मुसाफिरों को ऐसे मिलेगा फायदा

काेरोना महामारी के कारण ट्रनों पर जो पावंदी सरकार ने लगाई थी उसे अब धिरे-धिरे हटाया जा रहा है। भारतीय रेलवे भी सीमित ट्रेनें ही चला रहा है। रेलवे जरूरत के मुताबिक नई स्पेशल ट्रेनें शुरू कर रहा है ताकि यात्रियों की मांग भी पूरी की जा सके और बेवजह की परिचालन लागत से भी बचा जा सके। इस दौरान ट्रैक पर कम ट्रेनें दौड़ने का फायदा उठाते हुए रेलवे ने लंबे समय से अधर में लटकी कई परियोजनाएं पूरी कर ली हैं। इसी कड़ी में पूरे किए गए दिल्ली से कानपुर के बीच नए ट्रैक पर अगले महीने से ट्रेनें दौड़नी शुरू हो जाएंगी। वहीं, इससे पुराने ट्रैक पर ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ जाएगी।
रेलवे ने बताया कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का 350 किमी सेक्शन दिसंबर 2020 में शुरू होने वाला है। यह कानपुर के पास भावपुर से खुर्जा के बीच का सेक्शन है। यह सेक्शन डीएफसीसी के ईस्टर्न कॉरिडोर पर मौजूद है। इस सेक्शन पर फिलहाल 40 मालगाड़ियां और 40 पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं यानी 80-80 ट्रेनों का लोड अप व डाउन दोनों लाइनों पर है। इस सेक्शन के शुरू होते ही मालगाड़ियों को पुरानी लाइन से हटाकर नए ट्रैक पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। इस तरह से रेलवे की पुरानी लाइन पर ट्रैफिक का लोड कम हो जाएगा और ट्रेनें भी समय पर चलना शुरू हो जाएंगी। साथ ही उनकी स्पीड बढ़ाना भी आसान हो जाएगा। यह दोनों कॉरिडोर साल 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा।
रेलवे दो डेडिकेटेड कॉरिडार का कर रहा निर्माण
डीएफसीसी को भारतीय रेल में बदलाव के लिहाज से बहुत बड़ा काम माना जाता है। रेलवे फिलहाल मालगाड़ियों के लिए डेडिकेटेड दो कॉरिडार का निर्माण कर रहा है। इसका ईस्टर्न कॉरिडोर लुधियाना से कोलकाता के पास दानकुनी तक 1856 किमी लंबा है। वेस्टर्न कॉरिडोर दिल्ली के पास दादरी से मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट तक जाता है। यह कॉरिडोर 1506 किमी लंबा है। नया डीएफसी न केवल माल यातायात को रफ्तार देगा बल्कि मुसाफिरों को भी राहत मिलने वाली है। भारत में माल यातायात के लिए कुल 6 गलियारे बनने हैं। डीएफसी का इस्टर्न कॉरिडोर पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब को जोड़ेगा।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS