नोएडा अंतरराष्ट्रीय जेवर एयरपोर्ट पर चलेगी ड्राइवरलेस पॉड टैक्सी! इसकी खासियत जानकार हो जाएंगे हैरान

नोएडा (Noida) में बन रहे एशिया का सबसे बड़े एयरपोर्ट (Asia Biggest Airport) का निर्माण जारी है। ये जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) जल्द बनकर तैयार हो जाएगा। वहीं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Government) की सरकार इस एयरपोर्ट से आवागमन करने वाले यात्रियों के लिए एक से बढ़कर एक सुविधा देने की सोच रही है। इसी क्रम, जेवर एयरपोर्ट को लेकर योगी सरकार ने बहुत बड़ा फैसला कर रही है। अब इस एयरपोर्ट से यात्रियों के आवागमन के लिए ड्राइवरलेस 'पॉड टैक्सी' (Pod Taxi) चलाने पर विचार किया जा रहा है। भाजपा नेता (BJP Leader) और जेवर से विधायक धीरेन्द्र सिंह ने यह जानकारी दी।
कई देशों में हो रहा पॉड टैक्सी का इस्तेमाल
अत्याधुनिक तकनीक वाली 'पॉड टैक्सी' का कई पश्चिमी देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है और यह किफायती, पर्यावरण के अनुकूल तथा सुविधाजनक होती हैं। एक दिन पहले विधायक ने पॉड टैक्सी चलाने वाली कंपनी अल्ट्रा पीआरटी के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि जेवर से ग्रेटर नोएडा के बीच टैक्सी पॉड चलाने के विचार से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत करा दिया गया है। मुख्यमंत्री भविष्योन्मुखी परिवहन माध्यमों के इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं और इस मार्ग पर टैक्सी पॉड चलाना मेट्रो के मुकाबले अधिक व्यावहारिक है क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल है, किफायती है और दूर तक जाने में सक्षम है।
इसके परिचालन से दुर्घटना की संभावना बेहद कम
पॉड टैक्सियों में दुर्घटना की संभावना नगण्य है। इनमें कार्बन उत्सर्जन नहीं होता क्योंकि ये बैटरी से चलती हैं। इस मार्ग पर इस प्रणाली को दो महीने में स्थापित किया जा सकता है। एक टैक्सी में पांच से छह यात्री बैठ सकते हैं इसलिए यह बसों से भी अधिक व्यावहारिक हैं जिनमें सीटें खाली रहती हैं। अल्ट्रा पीआरटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (भारत और पश्चिम एशिया) नितिन कुमार ने कहा कि पॉड टैक्सी के लिए प्रणाली के निर्माण में मेट्रो के मुकाबले पांच गुना कम खर्च आयेगा। एयरपोर्ट के अलावा यमुना एक्सप्रेसवे पर जेवर में फिल्म सिटी भी बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि वृन्दावन तक एक धरोहर शहर विकसित किया जा रहा है और कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां इस क्षेत्र में प्रतिष्ठान स्थापित करने की योजना बना रही हैं जिससे पॉड टैक्सी के परिचालन का विकल्प व्यावहारिक सिद्ध होगा।
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