कौन हैं संजय अरोड़ा: जिन्होंने डकैत वीरप्पन के खिलाफ लगा दी थी जान की बाजी, अब सभालेंगे दिल्ली पुलिस की कमान

कौन हैं संजय अरोड़ा: जिन्होंने डकैत वीरप्पन के खिलाफ लगा दी थी जान की बाजी, अब सभालेंगे दिल्ली पुलिस की कमान
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राष्ट्रीय राजधानी की दिल्ली पुलिस को नया प्रशासनिक अधिकारी मिला गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी संजय अरोड़ा (IPS officer Sanjay Arora) को दिल्ली का पुलिस आयुक्त (Police Commissioner) नियुक्त किया है।

राष्ट्रीय राजधानी की दिल्ली पुलिस को नया प्रशासनिक अधिकारी मिला गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी संजय अरोड़ा (IPS officer Sanjay Arora) को दिल्ली का पुलिस आयुक्त (Police Commissioner) नियुक्त किया है। जो दिल्ली के नए पुलिस कमिश्नर (new Police Commissioner) के रूप में राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) की जगह लेंगे।

वह तमिलनाडु कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी ( IPS officer) हैं। संजय अरोड़ा वर्तमान में ITBP (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) में महानिदेशक थे। संजय अरोड़ा ने 1997 से 2000 तक उत्तराखंड के मतली में ITBP की बटालियन की कमान संभाली थी। राकेश अरोड़ा रविवार को अपने पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। संजय अरोड़ा को कई अहम पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है।

अरोड़ा को प्रशासनिक सूझबूझ की अच्छी समझ है। गृह मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, IPS संजय अरोड़ा ने मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Malviya National Institute of Technology), जयपुर से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है।

आईपीएस अधिकारी बनने के बाद, उन्होंने शुरू में तमिलनाडु में विभिन्न पदों पर काम किया, जिसमें पुलिस अधीक्षक (एसपी), विशेष कार्य बल भी शामिल है, इस दौरान उन्होंने डकैत वीरप्पन (dacoit Veerappan) के गिरोह के खिलाफ सफलता पाई थी। उन्हें इसके लिए इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री के वीरता पदक से सम्मानित किया जा चुका है।

1991 में संजय अरोड़ा ने NSG से ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात रहने वाले विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) के गठन में अहम भूमिका निभाई थी। दरअसल उन दिनों लिट्टे की गतिविधियां चरम पर थीं. ऐसे में उन्होंने तमिलनाडु (Tamil Nadu) के विभिन्न जिलों में बतौर पुलिस अधीक्षक के रूप में भी जिम्मेदारी संभाली थी।

बता दें कि इस कैडर में फिलहाल चार आईपीएस (IPS) हैं। दिल्ली पुलिस में यह तीसरी बार ऐसा हुआ है जब किसी गैर-यूटी कैडर के आईपीएस को दिल्ली पुलिस का प्रमुख बनाया गया है।

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