Delhi: इस्कॉन द्वारका में होली पर विशेष आयोजन, भक्तों की टोली खेलेगी लट्ठमार होली

चारों ओर होली की धूम देखने को मिल रही है। दिलों में उमंग है, उत्साह है, बहुत पास होली का त्योहार है। साल भर के इस अनूठे, रंग-रंगीले त्योहार को सभी अपने-अपने तरीके और जोश से मनाते हैं। गली-नुक्कड़, चौराहों पर रंगों की बौछारों के साथ होली-मिलन का जश्न भी खूब मनाते हैं। दिल्ली के श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर इस्कॉन द्वारका सेक्टर 13 में एक ऐसे ही तीन दिवसीय होली उत्सव का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें फूलों के साथ भगवान कृष्ण के संग होली खेली जाएगी।
इसके साथ ही यहां लट्ठमार होली का भी विशेष आकर्षण रहेगा। ब्रज की तर्ज पर भक्तों की टोली इस बार लट्ठमार होली का जमकर आनंद लेगी। इस दिन भक्तगण बिलकुल ऐसे ही होली के रंग में रंगना चाहते हैं, जैसे ब्रज में भगवान कृष्ण अपने मित्रों, ग्वाल-बाल और गोपियों के साथ खेला करते थे।
गौरतलब है कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाए जाने वाले होली के इस त्योहार को गौड़ीय वैष्णव परंपरा में गौर पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है और इस दिन से नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है। इसलिए यहां 5 मार्च को होली उत्सव की शुरुआत शोभा यात्रा से की जाएगी। इसी उत्सव श्रृंखला में 7 मार्च को प्रातः 8 बजे मंदिर हॉल में सुप्रसिद्ध कथावाचक प्रशांत मुकुंद दास द्वारा गौर कथा होगी। शाम को 6 बजे अभिषेक होगा और उसके बाद प्रसादम वितरण किया जाएगा।
इस्कॉन द्वारका में आयोजित इस उत्सव के वरिष्ठ प्रबंधक अर्चित प्रभु का कहना है कि मंदिर प्रांगण में 5 मार्च से तीन दिवसीय शोभा यात्रा, गौर पूर्णिमा महामहोत्सव एवं होली उत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। श्री चैतन्य महाप्रभु के आविर्भाव दिवस के अवसर पर गौर कथा, हरि नाम संकीर्तन, गौर निताई भगवान का अभिषेक और फूलों की होली खेली जाएगी।
होली उत्सव के अंतिम दिन यानी 8 मार्च को यानी दुल्हंडी को शाम 4 बजे फूड कार्निवाल में तरह-तरह व्यंजनों से भरे फूड स्टॉल लगाए जाएंगे। 4.30 बजे यूथ फोरम और गर्ल्स फोरम के भक्तगणों द्वारा होली से जुड़े विशेष प्रसंगों पर नाट्य-मंच प्रस्तुतियां भी प्रस्तुत की जाएंगी। शाम 5.30 बजे भगवान को पंडाल में विराजमान कर 108 दिव्य द्रव्यों से महाभिषेक किया जाएगा। इसी समय ग्रैमी अवार्ड से नामांकित गौर मणि माता जी द्वारा प्रस्तुत हरि नाम संकीर्तन की गूंज सभी भक्तों को भक्ति के रंगों से सराबोर कर देगी। शाम 7.30 बजे भगवान को भोग अर्पण किया जाएगा और 8.15 बजे महाआरती के बाद फूलों की होली खेली जाएगी।
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