Delhi: इस्कॉन द्वारका में निकाली जाएगी रथ यात्रा, पूर्ण उत्साह के साथ होगा भगवान जगन्नाथ का स्वागत

दिल्ली के इस्कॉन द्वारका में कल यानी 20 जून को श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर में रथ यात्रा निकाला जाएगा। इस दौरान भगवान जगन्नाथ का भव्य स्वागत किया जाएगा। 20 जून मंगलवार की शाम 5 बजे इस्कॉन द्वारका में श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर में भक्तों को इस अवसर का लाभ प्रदान करने के लिए रथ यात्रा उत्सव मनाया जा रहा है। बता दें कि साल भर तक इस क्षण की अभिलाषा लिए दर्शनार्थी रथ को खींचने की लालसा में स्वयं को अति उत्साहित महसूस करते हैं और अपने जीवन में मंगल की कामना करते हैं।
शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि 'रथस्थं वामनं दृष्ट्वा पुनर्जन्म न विद्यते' अर्थात अगर हम रथ यात्रा उत्सव के दौरान वामन या भगवान जगन्नाथ को रथ पर देखते हैं, तो हमें फिर से पुनर्जन्म नहीं लेना पड़ेगा। यानी जन्म-मृत्यु के चक्कर से छुटकारा मिल जाएगा। उत्सव में भगवान के रथ के समक्ष गीत-संगीत और नृत्य-संकीर्तन आकर्षण भी रहेगा और उड़िया व्यंजनों से भगवान को भोग अर्पण किया जाएगा।
इसको लेकर मंदिर के रथ यात्रा प्रबंधक श्री अर्चित दास का कहना है कि जब जगन्नाथ भगवान अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा महारानी सहित अपने बेदी मंडप से राधारानी के भाव में रथ पर बैठ कर सैर के लिए निकलते हैं, तो इस उत्सव की महिमा और भी बढ़ जाती है। भगवान के इस प्रेममयी स्वरूप के दर्शनों का लाभ सबको लेना चाहिए। रथ यात्रा में सभी दिल्लीवासी व आसपास के क्षेत्रों के लोग आमंत्रित हैं क्योंकि जो उनके रथ को अपने हाथों से खींचता है, उसे भगवान का असीम प्रेम प्राप्त होता है। इसीलिए जब भगवान की रथ यात्रा निकल रही हो तो प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वह तुरंत यात्रा में शामिल होकर भगवान के समक्ष नृत्य-कीर्तन एवं आरती करे। इस्कॉन के आमंत्रण पर रथ यात्रा मार्ग में द्वारका की लगभग 60 सोसाइटी के भक्तगण भगवान की आरती करेंगे।
जानें रथ यात्रा का रूट
अर्चित दास ने बताया कि इस बार यह रथ यात्रा सेक्टर 13 इस्कॉन मंदिर से चलकर इस्कॉन चौक की ओर होते हुए के एम चौक तक जाएगी। फिर बाएँ मुड़ते हुए आशीर्वाद चौक सेक्टर 4 से 12 की मार्केट का चक्कर लगाते हुए दाईं ओर मोड़ लेकर सेक्टर 6 और 10 की मार्केट से निकलेगी। फिर वापस मुड़ते हुए सेक्टर 4 और 12 की मार्केट तक जाएगी। फिर सेक्टर 3 और 13 की क्रॉसिंग से होते हुए एमआरवी स्कूल से वापस सेक्टर 13 इस्कॉन मंदिर पहुँचेगी। रथ यात्रा से पूर्व शाम 4 बजे भगवान को उनके प्रिय उड़िया व्यंजन 56 भोग अर्पित किए जाएंगे, क्योंकि लगभग दो सप्ताह तक भगवान फलों के रस एवं औषधियों का पान करने के बाद जब ठीक होकर वापस आते हैं, तो उन्हें तरह-तरह के व्यंजन अर्पित किए जाते हैं।
खाने में मिलेंगे ये सब सामग्री
पुरी के आनंद बाजार की तर्ज पर एक विशेष आनंद बाजार सजाया जाएगा जिसमें लगभग 35 उड़िया व्यंजन जैसे खाजा, मालपुआ, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, रबड़ी, छेना पोड़ा, खाखरा पेठा, मंडा पीठा, खीर, डालमा, खजूर चटनी, नारियल चटनी, पाइनएप्पल चटनी, कच्चे केले की सब्जी, खिचड़ी और चावल आदि शामिल रहेंगे। इसके अतिरिक्त 56 भोग के साथ-साथ शुद्ध भक्तों द्वारा भगवान के लिए तैयार किए गए 501 व्यंजनों का भोग भी अर्पण होगा। हरि नाम संकीर्तन एवं नृत्य करते हुए स्वादिष्ट भोग व्यंजनों से सजे इस रथ यात्रा उत्सव में आप अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर भगवान के रथ यात्रा दर्शन करें और उनका रथ खींचकर उनकी कृपा प्राप्त करें। अंत में सभी भक्तजन भगवान का प्रसाद ग्रहण करें।
इससे एक दिन पूर्व ‘गुंडिचा मार्जन’ उत्सव मनाया गया। इस दिन भगवान के स्वागत के लिए मंदिर के कोनों-कोनों की सफाई की जाती है और अपने मन का मार्जन किया जाता है। इसके पीछे कथा यह है कि जब भगवान जगन्नाथ अपना अनवसर काल समाप्त करके भक्तों को दर्शन देने के लिए तैयार होते हैं तब उनके स्वागत के लिए भक्तजनों द्वारा मंदिर की अच्छी तरह साफ-सफाई की जाती है जैसे चैतन्य महाप्रभु ने गुंडिचा मंदिर में की थी।
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