Jahangirpuri Violence : MCD बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, जहांगीरपुरी में बनी रहेगी यथास्थिति

हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) के मौके पर हुई हिंसा के बाद बुधवार को जहांगीरपुरी में एमसीडी (MCD) के अवैध कब्जे पर की गई कार्रवाई सुर्खियों में हैं इस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। दरअसल जमीयत उलमा-ए-हिंद ने मुस्लिम आरोपितों के घर तोड़े जाने को लेकर याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से हलफनामा दाखिल करने को कहा और याचिकाकर्ता को इस पर जवाब देना चाहिए।
तब तक यथास्थिति का आदेश जारी रहेगा। वहीं कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर नोटिस जारी कर यथास्थिति बनाए रखने को कहा है। साथ ही मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बहस के दौरान याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे (Dushyant Dave) ने तर्क शुरू किए तो जस्टिस एल नागेश्वर राव ने पूछा इसमें राष्ट्रीय महत्व क्या है।
दवे ने कहा कि यह लक्षित बुलडोजर कार्रवाई एक गैरकानूनी एनकाउंटर (Illegal Encounter) के बाद यह एक समुदाय के खिलाफ शुरू की गई है। जस्टिस नागेश्वर राव ने कहा कि आप केवल कानूनी उल्लंघन की बात करते हैं। एडवोकेट दवे ने कहा कि बिना किसी नोटिस के कार्रवाई की गई और जब कोर्ट ने यथास्थिति का आदेश जारी किया तब भी लंबे समय के बाद कार्रवाई रोक गई। वही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेता बुलडोजर (Bulldozer) चलाकर अतिक्रमण हटाने की मांग कैसे कर सकते हैं।
केंद्र द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के मास्टर प्लान का जिक्र करते हुए दवे ने अतिक्रमण कार्रवाई की प्रक्रिया के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इसके तहत 50 लाख लोगों को नियमित किया गया और अब एक क्षेत्र में एक समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 1701 अवैध कॉलोनियां बनी हैं जिनमें 50 लाख लोग रहते हैं और उन्हें नियमित कर दिया गया है। वही एडवोकेट कपिल सिब्बल (Advocate Kapil Sibal) ने कहा कि सिर्फ मुस्लिम इलाकों को निशाना बनाया जा रहा है।
इस पर जस्टिस नागेश्वर राव (Justice Nageswara Rao) ने कहा कि क्या हिंदू क्षेत्रों में अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कपिल सिब्बल के आरोप पर आपत्ति जताई और इसे गलत बताया। सिब्बल ने कहा कि हमारी मांग है कि मुस्लिम क्षेत्र में आवासीय या व्यावसायिक ढांचे को पूरी प्रक्रिया के बिना नहीं तोड़ा जाए। हमने इस कार्रवाई पर रोक लगाने की भी मांग की है। इस पर कोर्ट ने कहा की हम पूरे देश से अतिक्रमण हटाने को नहीं रोक सकते हैं।
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