Jamia University ने रद्द किया सफूरा जरगर का PHD एडमिशन, जामिया परिसर में मचा बवाल

जामिया की छात्रा सफूरा जरगर (Safoora Zargar) का पीएचडी प्रवेश रद्द (PhD admission cancelled) कर दिया गया है। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (Jamia Millia Islamia University) ने जरगर का पीएचडी प्रवेश रद्द करने को मंजूरी दे दी है। विश्वविद्यालय के मुताबिक अतिरिक्त समय दिए जाने के बावजूद सफूरा ने अपनी पीएचडी थीसिस जमा नहीं की, जिसके बाद यह कदम उठाना पड़ा।
विश्वविद्यालय की इस कार्रवाई के बाद अब छात्रों का एक वर्ग विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फैसले का विरोध कर रहा है। सफूरा का प्रवेश रद्द करने को लेकर छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में प्रशासन के खिलाफ मुदराबाद के नारे लगाए। प्रदर्शनकारी छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं। सफूरा जरगर जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रा और जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी की मीडिया कोऑर्डिनेटर थीं।
वह 10 अप्रैल से 24 जून 2020 तक हिरासत में थी। उन पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे (Delhi violence) की साजिश का हिस्सा होने और 23 फरवरी 2020 को भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया था। जरगर का जन्म 1993 में जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में हुआ था। उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे। सफूरा को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज से बीए किया है। इसके बाद उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से समाजशास्त्र में एमए किया और 2019 में एम.फिल की शुरुआत की। जामिया विश्वविद्यालय (Jamia Millia Islamia University) का कहना है कि थीसिस में सफूरा जरगर का काम संतोषजनक नहीं है। उन्हें इस साल फरवरी में अपनी थीसिस (thesis) जमा करनी थी, लेकिन थीसिस में आवश्यक प्रगति नहीं होने के कारण उनका शोध कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि थीसिस मामले में सफूरा जरगर को कई बार एक्सटेंशन दिया गया था। विश्वविद्यालय ने उन्हें अपने स्तर पर हर संभव सहायता प्रदान की है, लेकिन उनकी प्रगति असंतोषजनक रही है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया में सफूरा जरगर के पर्यवेक्षक और अनुसंधान सलाहकार समिति द्वारा उनके प्रवेश को रद्द करने की सिफारिश की गई थी।
इस सिफारिश को डिपार्टमेंट रिसर्च कमेटी (DRC) ने मंजूरी दे दी थी। जामिया मिल्लिया इस्लामिया द्वारा की गई इस कार्रवाई पर सफूरा जरगर ने सोशल मीडिया पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एमफिल थीसिस (MPhil thesis) जमा करने की अवधि बढ़ाने के उनके आवेदन को आठ महीने से अधिक समय तक रोक दिया गया था। हालांकि इस बारे में कोई लिखित जानकारी नहीं दी गई। अभी उन्हें केवल मौखिक रूप से सूचित किया गया है कि उन्हें बढ़ाया नहीं जा रहा है।
सफूरा ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि मेरा प्रवेश शीघ्र ही रद्द कर दिया जाएगा। यह पूरी तरह से भेदभावपूर्ण कार्रवाई है। उन्होंने इस संबंध में जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति नसीम अख्तर को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कहा है कि उन्हें परेशान किया जा रहा है और उनका उपहास किया जा रहा है। हालांकि इस संबंध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) का कहना है कि सफूरा को कई बार फील्ड वर्क करने और अपना काम समय पर पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया लेकिन जरगर ने अपने काम में कोई प्रगति नहीं की।
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