जंतर-मंतर सांप्रदायिक नारेबाजी मामला: दिल्ली पुलिस ने अश्विनी उपाध्याय को लेकर किया ये बड़ा खुलासा

दिल्ली के जंतर-मंतर (Jantar Mantar) लगाए गए सांप्रदायिक नारेबाजी मामले (Communal Sloganeering Case) में दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) की मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रही है। उधर, इस मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) तेजी से जांच पड़ताल में जुटी हुई है। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया कि वकील और जंतर-मंतर पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्यकर्ता अश्विनी उपाध्याय के सांप्रदायिक नारेबाजी करने वाले पांच गिरफ्तार आरोपियों में से एक के साथ संबंध थे। क्योंकि जांच के दौरान वे एक-दूसरे के साथ संपर्क में थे।
दिल्ली पुलिस का दावा
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि आरोपी प्रीत और उपाध्याय एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। कार्यक्रम का आयोजन करने से पहले पुलिस को सौंपे गए आवेदन में प्रीत का नाम था। पुलिस ने मामले के सिलसिले में उपाध्याय सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया था। दिल्ली की एक अदालत ने उपाध्याय को बुधवार को जमानत दे दी, इन्होंने कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी नारेबारी की घटना में किसी तरह की संलिप्तता से इंकार किया है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में जंतर-मंतर पर एक कार्यक्रम के दौरान विशेष धर्म के खिलाफ नारेबाजी की गई थी।
मामले में अब तक छह आरोपी गिरफ्तार
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया। जंतर-मंतर पर आठ अगस्त को आयोजित कार्यक्रम 'भारत जोड़ो आंदोलन' में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया था। घटना के सिलसिले में कनॉट प्लेस थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने उपाध्याय सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया था। पांच अन्य आरोपियों की पहचान प्रीत सिंह, दीपक सिंह, दीपक कुमार, विनोद शर्मा और विनीत वाजपेयी के रूप में हुई है। आरोपियों को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया गया।
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