दिल्ली के बॉर्डरों पर लोगों की मांग पर हो कोरोना संक्रमण की जांच: उपराज्यपाल बैजल

बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए कुछ कदम उठाकर शहर कोरोना जांच को बढ़ाने का अधिकारियों को निर्देश दिया। इन कदमों में मांग पर जांच, राष्ट्रीय राजधानी के सीमाई इलाकों तथा बड़े निर्माण स्थलों पर जांच करना शामिल है। सूत्रों ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक बैठक के दौरान, उपराज्यपाल ने अधिकारियों से शहर में ऐसी जांच सुविधाएं लाने के लिए विस्तृत मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) तैयार करने को कहा।
उन्होंने बताया कि एक हेल्पलाइन नंबर जल्द ही शुरू किया जाए जहां एक व्यक्ति जिसमें कोविड-19 के लक्षण हैं, वह जांच बुक करा सके और बाद में अपने घर पर इस सुविधा को पा सके। एक सूत्र ने बताया कि पहले चरण में, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और बच्चों को मांग पर जांच की सुविधा मिल सकती है। अन्य विकल्प है कि लोग हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर पास के केंद्रों पर जांच की बुकिंग करा लें।
बैजल ने अधिकारियों से दिल्ली के सीमाई इलाकों पर जांच केंद्र स्थापित करने के अलावा कोविड-19 लक्षण वाले लोगों की स्क्रीनिंग कराने को भी कहा। सूत्र ने यह भी बताया कि दिल्ली आने वाले सभी प्रवासी कामगारों के लिए जांच करना अनिवार्य होगा। हालांकि, जो लोग राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में रहते हैं लेकिन काम दिल्ली में करते हैं, वे जरूरी होने पर जांच करा सकते हैं। पिछले महीने, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार रोजाना कोविड-19 जांच को 20,000 से बढ़ाकर 40,000 करेगी।
इस महीने उपचाराधीन संक्रमित मरीजों की संख्या में 50 प्रतिशत का इजाफा
दिल्ली में कोविड-19 संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में इस महीने 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक शहर में नए मामले सामने आने की दर बढ़ी है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य बुलेटिन में दी गई जानकारी का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि एक अगस्त को दिल्ली में 10,596 मरीज कोविड-19 का इलाज करा रहे थे जो संख्या एक सिंतबर यानी मंगलवार को बढ़कर 15,870 हो गई । वहीं 27 जून को उपचाराधीन मरीजों की संख्या 28,329 थी जो 31 जुलाई तक घटकर 10,705 रह गई थी।
चार अगस्त को पहली बार यह आंकड़ा घटकर 10,000 से कम 9,897 पहुंच गया। इसके साथ ही राजधानी में संक्रमण से ठीक होने की दर में वृद्धि और नए मामलों में कमी देखी गई। लेकिन जैसे ही यह लगने लगा कि यह संख्या और घट सकती है तभी संक्रणण से नए मामलों में आती वृ्द्धि के साथ ही यह आंकड़ा भी बढ़ने लगा। दिल्ली में 26 अगस्त को उपचाराधीन मरीजों की संख्या 12,520 हो गई थी और अगले ही दिन यह संख्या बढ़कर 13,208 हो गई।
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