एलजी ने एयरपोर्ट ड्रेन सहित 5 जल निकायों के निर्माण का किया निरीक्षण, जल्द पूरा होगा कार्य

एलजी ने एयरपोर्ट ड्रेन सहित 5 जल निकायों के निर्माण का किया निरीक्षण, जल्द पूरा होगा कार्य
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दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वी के सक्सेना ने रविवार को द्वारका सेक्टर-8 में एयरपोर्ट ड्रेन सहित अन्य 5 जल निकायों के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया, और उम्मीद जताई की यह कार्य मई 2023 तक पूरा हो जाएगा।

दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वी के सक्सेना ने रविवार को द्वारका सेक्टर-8 में एयरपोर्ट ड्रेन सहित अन्य 5 जल निकायों के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया, और उम्मीद जताई की यह कार्य मई 2023 तक पूरा हो जाएगा। इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद आईजीआई हवाई अड्डा और द्वारका क्षेत्र के आसपास जलभराव की समस्या खत्म हो जाएगी। इस अवसर पर एलजी सक्सेना ने कहा कि हवाई अड्डे के नाले के निर्माण के साथ जल निकायों के निर्माण से हवाई यात्रियों और द्वारका के स्थानीय निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी।

उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान, हवाई अड्डे के साथ-साथ द्वारका की सड़कों से बहते पानी को इन जल निकायों में समाहित किया जा सकता है। यह परियोजना अगले साल जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए मानसून के महीनों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले प्रतिनिधियों और गणमान्य व्यक्तियों के परेशानी मुक्त आवागमन को भी सुनिश्चित करेगी। उपराज्यपाल ने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए है कि यह परियोजना मई 2023 तक पूरी हो जानी चाहिए। राजनिवास द्वारा दी गई जानकारी अनुसार दिल्ली सरकार द्वारा पेड़ों के स्थानान्तरण की अनुमति में देरी के चलते उक्त परियोजना 2 वर्षों से अधर में अटकी हुई थी।

जिसमें एलजी के दखल के बाद ही ट्री ट्रांस लोकेशन की अनुमति दी गई और 20 नवंबर को एयरपोर्ट ड्रेन का काम शुरू हुआ। लगभग 2.5 किमी लंबे एयरपोर्ट ड्रेन के लिए 72 हजार घन मीटर मिट्टी हटाने की जरूरत होगी, जिसमें से अब तक 8200 घन मीटर मिट्टी निकाली जा चुकी है। लाइनिंग का काम भी एक साथ शुरू हो गया है ताकि काम की गति को बनाए रखा जा सके और यातायात निर्बाध चलता रहे। वर्तमान में हवाई अड्डे पर मौजूदा दो नालियां है जिनमें मानसून की भारी बरसात के दौरान भारी मात्रा में आने वाले पानी का दबाव नहीं क्षेल पाती और एयरपोर्ट सहित आस पास जलभराव की विकट समस्या खड़ी हो जाती है।

अधिकारियों के अनुसार पांच प्रस्तावित जल निकायों में से तीन द्वारका सेक्टर 8 में बनाए जाएंगे, जबकि दो अन्य द्वारका सेक्टर 20 व 23 में बनेगे। उन्होंने बताया कि सेक्टर 8 में डीडीए की भूमि पर एक मौजूदा जल निकाय को 13,700 घन मीटर की क्षमता तक बढ़ाया जाएगा। जबकि दो नए जल निकाय, 25,700 घन मीटर की संयुक्त जल धारण क्षमता के साथ, सेक्टर 8 में एक अन्य डीडीए भूमि में बनाए जाएंगे। प्रस्तावित जल निकाय द्वारका सेक्टर 20 में जल निकाय की भंडारण क्षमता 20,250 घन मीटर होगी, जबकि द्वारका सेक्टर 23 में सबसे बड़ा जल निकाय होगा, जिसकी जल धारण क्षमता 62,800 घन मीटर होगी।

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