मेयर चुनाव को लेकर CM केजरीवाल के पत्र पर LG का जवाब, कहा - नियमों का किया पालन

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने सत्या शर्मा को दिल्ली नगर निगम (MCD) के सदन की बैठक के लिए पीठासीन अधिकारी (प्रोटेम स्पीकर) के तौर पर मनोनीत करने में नियमों का पालन किया गया है। सत्या शर्मा का नाम उन छह नामों में से चुना गया, जो आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से विचार के लिए भेजे गए थे। राजनिवास के अधिकारियों ने इस मामले में शनिवार को यह जानकारी दी है।
बता दें कि इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर एमसीडी में 10 एल्डरमैन के मनोनीत करने और पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति में शक्तियों के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। इसको लेकर अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को शुक्रवार को पत्र लिखा था। केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा था कि निर्वाचित सरकार को एमसीडी में एल्डरमैन को नामित करना चाहिए। लेकिन यह चौंकाने वाला और दुखद है कि उपराज्यपाल ने सरकार से परामर्श किए बिना अपनी पसंद सब तय किया है।
अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा था कि पीठासीन अधिकारी के रूप में वरिष्ठ पार्षद की नियुक्ति की परंपरा को दरकिनार किया गया। उपराज्यपाल ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने की निर्वाचित सरकार की शक्ति में अतिक्रमण किया। इसको लेकर उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी में उनके सहयोगियों द्वारा किए जा रहे दावों के विपरीत, उपराज्यपाल ने नव-निर्वाचित पीठासीन अधिकारी को नामित करते समय संवैधानिक प्रावधानों और अधिनियमों का पूरा पालन किया है।
राजनिवास से जारी बयान में कहा गया कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अचानक और अप्रत्याशित रूप से शर्मा को पीठासीन अधिकारी नामित नहीं किया। इसमें कहा गया कि एमसीडी या आप सरकार ने पीठासीन अधिकारी के रूप में चुने जाने पर विचार करने के लिए पांच अन्य पार्षदों के साथ सत्या शर्मा का नाम उपराज्यपाल को भेजा गया था। जिसमें सत्या शर्मा के अलावा मुकेश गोयल, प्रीति, शकीला बेगम, हेमचंद गोयल और नीमा भगत का नाम भी शामिल था।
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