दिल्ली में आए तूफान को लेकर मौसम विभाग ने क्यों नहीं की भविष्यवाणी! जानिए क्या रही वजह

दिल्ली में आए तूफान को लेकर मौसम विभाग ने क्यों नहीं की भविष्यवाणी! जानिए क्या रही वजह
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बीते दो दिन पहले देश की राजधानी दिल्ली (Capital Delhi) में आई आंधी और तूफानी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। इस तूफान की वजह से कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए। और कई वाहन इसकी चपेट में भी आ गए। ऐसा लग रहा था मानो 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाएं सब कुछ छीन लेने के इरादे से आई हों।

बीते दो दिन पहले देश की राजधानी दिल्ली (Capital Delhi) में आई आंधी और तूफानी बारिश से काफी नुकसान हुआ है। इस तूफान की वजह से कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए। और कई वाहन इसकी चपेट में भी आ गए। ऐसा लग रहा था मानो 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाएं सब कुछ छीन लेने के इरादे से आई हों। भारतीय मौसम विभाग (Indian Meteorological Department) ने जब तक इस तूफान की भविष्यवाणी की और अलर्ट जारी किया, तब तक प्राकृतिक आपदा ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया था।

दिल्ली में 2018 के बाद से यह उच्च तीव्रता का पहला तूफान था। रविवार को आईएमडी ने सोमवार को राजधानी में आंधी की भविष्यवाणी की थी और 'ग्रीन अलर्ट' (Green Alert) जारी किया था। हालांकि, सोमवार को मौसम विभाग ने कुछ ही घंटो के भीतर दो बार अलर्ट जारी किया था। आईएमडी (IMD) ने पहले 3 बजे 'येलो' अलर्ट जारी किया। इसके बाद लगभग साढ़े चार बजे फिर विभाग ने 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया। परंतु तब तक बहुत देर हो चुकी थी कि कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया जा सका।

मौसम खराब होने का खतरा नहीं होने पर आईएमडी ग्रीन अलर्ट जारी करता रहा। मौसम विभाग (Meteorological Department) ग्रीन अलर्ट तब जारी करता है जब मौसम के बिगड़ने को लेकर कोई खतरा नहीं होता है। वहीं येलो अलर्ट में लोगों को अलर्ट रहने की हिदायत दी जाती है। किसी भी मौसम संबंधी आपदा से पहले लोगों को सतर्क करने और किसी भी स्थिति के लिए पहले से तैयार रहने की सलाह के साथ येलो अलर्ट जारी किया जाता है।

मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मई-जून के प्री-मानसून (Pre-monsoon) महीनों में मौसम में आए बदलाव को समझना बेहद मुश्किल है। आईएमडी के वैज्ञानिक आरके जेनामणि (RK Jenamani) ने कहा कि अधिकांश महीनों में मौसम पूर्वानुमान की विश्वसनीयता लगभग 95 से 100 प्रतिशत होती है। हालांकि, मई और जून के महीनों में यह गिरकर 80 फीसदी पर आ जाता है। इसका मुख्य कारण अस्थिर वातावरण की स्थिति है।

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