कांग्रेस देगी गरीब बच्चों को डे बोर्डिंग स्कूल, पढ़ाई के साथ बाल मजदूरी मुक्त दिल्ली

नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम चुनावों में सत्ता हासिल करने के लिए प्रदेश कांग्रेस लगातार लोक लुभावनी घोषणाएं करने में लगी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ अनिल कुमार ने कांग्रेस विजन की सीरिज़ में शनिवार को शिक्षा विजन की घोषणा की। निगम की सत्ता में आने पर कांग्रेस समाज के सबसे निचले स्तर के नागरिक गरीब, मजदूर व दलित वर्ग के बच्चों के लिए डे-बोर्डिंग स्कूल वाली निगम बनाएगी। राजीव भवन में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक संकल्प के साथ निगम की शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन लाकर शीला दीक्षित द्वारा स्थापित किए गए शिक्षा पद्धति को लागू करते हुए निगम शिक्षा में बदलाव की क्रांति लाएगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दिल जीता है,अब दिल्ली भी जीतेंगे और मानसिक तनाव मुक्त दिल्ली, शीला दीक्षित वाली दिल्ली, मेरी चमकती दिल्ली बनाएगें। इस मौके पर चौ़ अनिल के अलावा पूर्व सांसद डॉ उदित राज, पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो किरण वालिया, पूर्व मंत्री रमाकांत गोस्वामी, कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन अनिल भारद्वाज आदि मौजूद थे। चौ अनिल ने बताया कि कांग्रेस निगम डे बोर्डिंग स्कूल का निर्धारण करके हर उस गरीब के बच्चे को स्कूल के बाद डे बोर्डिंग की सुविधा देगी जो आर्थिक अक्षमता व व्यवस्तता के कारण अपने बच्चें पौष्टिक भोजन, रख-रखाव और समय नहीं दे सकता है। डे बोर्डिंग शिक्षा नियमित स्कूलों से अलग एक अनूठा दृष्टिकोण प्रदान करेंगे और समुदाय में सीखने के अवसर के साथ छात्रों को व्यक्तित्व विकास के लिए प्रेरित करेंगे।
कांग्रेस पढ़ाई के साथ खेल के महत्व, मानसिक तनावमुक्त दिल्ली, बाल मजदूरी मुक्त दिल्ली, गरीब अमीर मुक्त दिल्ली, डिजिटल डिवाइड मुक्त दिल्ली बनाकर हर गरीब के बच्चे लिए शिक्षा के स्तर में सुधार लाऐंगे। उन्होंने कहा कि डे बोर्डिंग में मजदूरों, गरीबों के बच्चों को वरीयता दी जाएगी और जहां कांग्रेस उन्हें शिक्षा की ठोस नींव प्रदान करके दिल्ली के गरीब की चिंता को खत्म करेंगे। उन्होंने कहा कि डे बोर्डिंग में बच्चों को मुख्य भोजन के अलावा अल्पाहार और पीने के पानी की सुविधा, विशेष आहार, चिकित्सा और ऑन कैम्पस स्कूल स्टोर, स्नैक हॉल जहां अतिरिक्त भोजन और स्कूल की आपूर्ति खरीदी जा सके, इसका भी प्रावधान करेंगे।
कांग्रेस बोडर्स को अध्ययन के लिए स्मार्ट क्लास रुम और स्टडी रुम, डिजिटल लाइब्रेरी, पर्याप्त शौचालयों, नहाने की सुविधा, स्वच्छता के लिए साबून, पानी वाशबेसिन, बालक-बालिकाओं के लिए अलग चेंजिंग रूम और कॉमन रूम की व्यवस्था की जाऐगी। उन्होंने कहा कि सर्वे के आधार पर स्कूल खोलकर एम.सी.डी. विद्यालयों में कम से कम 100 बच्चों की क्षमता वाले आवासीय स्कूल बनाऐंगे। कांग्रेस प्रति बच्चा पर औसतन 50 हजार प्रतिवर्ष खर्च होने की प्राथमिकता के आधार पर बजट का अनुमान की योजना बना चुकी है।
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