MCD: मेयर शैली ओबेरॉय को HC से झटका, फिर नहीं होंगे स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव

MCD: मेयर शैली ओबेरॉय को HC से झटका, फिर नहीं होंगे स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव
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दिल्ली हाई कोर्ट ने (Delhi High Court) ने एमसीडी (MCD) में स्थायी समिति (Standing Committee) के सदस्यों के चुनाव को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मेयर शैली ओबेरॉय (Shelly Oberoi) के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें उन्होंने स्थायी समिति के चुनाव नए सिरे से कराने की बात कही थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने दिल्ली नगर निगम (MCD) में स्थायी समिति (Standing Committee) के सदस्यों के चुनाव को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय (Shelly Oberoi) के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें उन्होंने स्थायी समिति के चुनाव नए सिरे से कराने की बात कही थी। दिल्ली हाई कोर्ट के जज पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि शैली ओबेरॉय द्वारा एक वोट को रद्द करने का फैसला बिल्कुल गलत था। कोर्ट ने आगे कहा कि मेयर द्वारा लिया गया फैसला बिना किसी अधिकार और शक्ति के साथ लिया गया था। यह किसी पुख्ता तथ्यों के आधार पर नहीं लिया गया।

दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय को कोर्ट ने निर्देश दिया कि 24 फरवरी को जो मतदान कराया गया था। इसके बाद जो परिणाम आए थे, उन्हीं के आधार पर रिजल्ट घोषित किया जाए। साथ ही, कहा कि जिस वोट को शैली ओबेरॉय द्वारा रद्द किया गया था, उसकी भी गिनती की जाए।

6 सदस्यीय स्थायी समिति (Standing Committee) का चुनाव दोबारा से कराने को लेकर मेयर शैली ओबेरॉय ने निर्देश दिया था। इसी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पार्षद शिखा रॉय और कमलजीत सहरावत ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी याचिकाएं (Petition) दायर की थी। चुनाव के समय शैली ओबेरॉय ने एक वोट को भी निरस्त कर दिया था, जिसके बाद सिविक सेंटर में जमकर हंगामा हुआ था। इसके बाद कोर्ट ने मेयर को निर्देश दिए थे कि बैलेट पेपर, सीसीटीवी फुटेज और अन्य जरूरी सामान को सुरक्षित रखें। इसी को लेकर आज कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।

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एल्डरमैन को लेकर भी SC ने की थी सुनवाई

दिल्ली नगर निगम (MCD) में राज्यपाल (LG) की तरफ से मनोनीत पार्षदों को नियुक्त करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। दिल्ली (Delhi) सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एल्डरमैन (Alderman) कहे जाने वाले मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति की एलजी की तरफ से किए जाने का विरोध किया था। वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा था कि दिल्ली के प्रशासनिक कामों में, उन्हें दिल्ली सरकार की सलाह और सहायता से काम करना होता है, लेकिन नगर निगम में मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति इस दायरे में नहीं आती।

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