‘स्व’ भारत का आत्मबोध विषय पर मीडिया विमर्श, नारी शक्ति राष्ट्र वंदन यज्ञ से हुआ राष्ट्र निर्माण

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By - Priyanka Yadav |15 Dec 2023 9:46 PM IST
प्रेरणा शोध संस्थान न्यास-नोएडा, मेरठ प्रांत प्रचार विभाग एवं गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के जनसंचार व मीडिया अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘स्व’ भारत का आत्मबोध विषय पर आयोजित तीन दिवसीय मीडिया विमर्श-2023 के पहले दिन माताएं एवं बहनों ने यज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चारण से आहुति देकर राष्ट्र निर्माण में नारी की महत्वपूर्ण भूमिका को स्थापित किया।
ग्रेटर नोएडा। नारी शक्ति राष्ट्र वंदन यज्ञ से प्रेरणा विमर्श-2023 का श्रीगणेश हुआ। प्रेरणा शोध संस्थान न्यास-नोएडा, मेरठ प्रांत प्रचार विभाग एवं गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के जनसंचार व मीडिया अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘स्व’ भारत का आत्मबोध विषय पर आयोजित तीन दिवसीय मीडिया विमर्श-2023 के पहले दिन माताएं एवं बहनों ने यज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चारण से आहुति देकर राष्ट्र निर्माण में नारी की महत्वपूर्ण भूमिका को स्थापित किया। वहीं यज्ञ में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं आसपास के प्रदेशों से 600 से अधिक माताएं एवं बहनों ने एक साथ आहुति देकर प्रेरणा मीडिया विमर्श 2023 का श्रीगणेश किया।
यज्ञ के आयोजन के बारे में चर्चा करते हुए प्रेरणा मीडिया विमर्श- 2023 के अध्यक्ष नरेन्द्र तनेजा जी ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि यज्ञ में पुरोहित और यजमान दोनों ही हमारी माताएं एवं बहने हैं, जिनके द्वारा मंत्रोच्चारण कर यज्ञ में आहुति दी गयी। कार्यक्रम के दौरान प्रेरणा मीडिया विमर्श- 2023 की सचिव श्रीमती मोनिका चौहान ने बताया कि किसी भी समाज या राष्ट्र के विकास में महिलाओं की भूमिका अहम होती है। हमारे धार्मिक ग्रंथों में भी भारत में नारी की वास्तविक दर्शन को प्रस्तुत करते हुए कहा गया है कि “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता”। अर्थात जहां नारी की पूजा की जाती हो, देवता भी वहीं निवास करते हैं।
वहीं आज के यज्ञ की संयोजिका डॉ. कीर्तिपाल ने बताया कि इस यज्ञ का आयोजन डॉ. प्रवीण सत्येन्द्र विद्यालंकार के मार्गदर्शन में कन्या गुरुकुल (सासनी) हाथरस की 11 ब्रह्मचारिणियों के मंत्रोच्चारण से 108 हवन कुंडों में एक साथ आहुति देकर शुरू किया। वहीं मां भारती की आरती से यज्ञ सम्पन्न हुआ। सनातन धर्म की वैदिक परंपरा की चर्चा करते हुए डॉ. प्रवीण सत्येन्द्र विद्यालंकार ने कहा कि यज्ञ भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। विश्व उत्थान एवं शांति का प्रतीक यज्ञ ही है। यज्ञ ही मनुष्य के मन को शुद्ध, पवित्र और निर्मल बनाने का मुख्य साधन है।
आज के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रचार प्रमुख श्री कृपाशंकर जी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख श्री पदम सिंह जी, श्री प्रीतम जी (समन्वयक, सह प्रचार प्रमुख, मेरठ प्रान्त), विभाग प्रचारक कृष्णा जी, प्रेरणा विमर्श के संयोजक प्रोफेसर विशेष गुप्ता जी, श्रीमती प्रीति दादू जी (प्रेरणा शोध संस्थान न्यास की अध्यक्ष), डॉ. विश्वास त्रिपाठी रजिस्ट्रार गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा, सहित मेरठ प्रांत के अलग-अलग विभागों से आए गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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