घर में मच्छर का लार्वा मिलने पर अब लग सकता है 50000 का जुर्माना! HC ने दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने केजरीवाल सरकार (Kejriwal government) से कहा है कि वह मच्छरों के प्रजनन (Mosquito breeding) के दोषी पाए जाने वालों पर जुर्माना लगाने के प्रस्ताव की गंभीरता से जांच करे। अदालत ने कहा कि जुर्माने की राशि 5 हजार रुपये तक सीमित नहीं होनी चाहिए।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी (Vipin Sanghi) और उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अगर लोगों के मन में अपने परिसर में मच्छरों को पनपने नहीं देने के लिए प्रतिरोध पैदा करना है, तो जुर्माने की राशि की समीक्षा की जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि हमारा विचार है कि जहां संस्थान इस तरह के आचरण के दोषी पाए जाते हैं, वहां जुर्माने की मात्रा केवल 5,000 तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि 50,000 तक होनी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार (Delhi government) इन पहलुओं की उच्चतम स्तर पर जांच करे और अगली तारीख तक जवाब दे। दरअसल कोर्ट ने शहर में बड़े पैमाने पर मच्छरों के पनपने के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया था। जिसके परिणामस्वरूप हर साल मलेरिया (Malaria), चिकनगुनिया और डेंगू (Chikungunya and Dengue) जैसी वेक्टर जनित बीमारियां होती हैं।
सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि शहर में हर साल डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। साल 2018 में 91 मामले दर्ज किए गए थे। 2019 में यह संख्या बढ़कर 313 हो गई। साल 2020 में दिल्ली में डेंगू के 341 मामले सामने आए और पिछले साल 2021 में यह संख्या बढ़कर 2,663 तक पहुंच गयी थी। ऐसी स्थिति पर नाराजगी जताते हुए जस्टिस जसमीत सिंह (Justice Jasmeet Singh) ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि हम इस तरह की सुस्ती को बढ़ावा नहीं दे सकते।
इन आंकड़ों को देखिए, चौकाने वाला है। इस पर नहीं आना चाहिए। यह ऐसी चीज नहीं है जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती, यह साल दर साल हो रहा है। यह कोविड की तरह नहीं है जो अप्रत्याशित था। आप पैटर्न, हॉटस्पॉट, कब होता है, आदि जानते हैं। यह कितना मुश्किल हो सकता है?
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