गाय के गोबर के उपलों से होगा कोविड से मरे लोगों का अंतिम संस्कार, NDMC ने दी अनुमति

गाय के गोबर के उपलों से होगा कोविड से मरे लोगों का अंतिम संस्कार, NDMC ने दी अनुमति
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उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जय प्रकाश ने कहा कि निगम के अधिकार क्षेत्र में स्थित सभी गऊशालाओं से कहा गया है कि वे गाय के गोबर से उपले बनाने की मशीनें अपने यहां लगाएं। उन्होंने कहा कि सीएसआर निधि से इन मशीनों को लगाने के लिए धन दिया जाएगा।

Delhi Corona Deaths दिल्ली में कोरोना से खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। संक्रमण से रोजाना सैंकड़ों लोगों की मौतें हो रही है। दिल्ली के श्मशान घाटों (Graveyard) पर लकड़ियों की कमी हो गई है। जिसे देखते हुए दिल्ली नगर निगम (MCD) ने अनुमति दी है कि लकड़ियों की कमी के कारण गाय के गोबर के उपलों से कोविड (Covid 19) से मरे व्यक्तियों का अंतिम संस्कार (Funeral) किया जाएगा। (NDMC) उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जय प्रकाश (Mayor Jai Prakash) ने कहा कि निगम के अधिकार क्षेत्र में स्थित सभी गऊशालाओं से कहा गया है कि वे गाय के गोबर से उपले बनाने की मशीनें अपने यहां लगाएं। उन्होंने कहा कि सीएसआर निधि से इन मशीनों को लगाने के लिए धन दिया जाएगा।

एक परिपत्र जारी कर लिया गया फैसला

कोविड-19 महामारी से हो रही मौतों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। एक परिपत्र के अनुसार, उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने अपने अधिकार क्षेत्र में स्थित विभिन्न शमशानों में मृतकों के अंतिम संस्कार में गाय के गोबर से बने उपलों के उपयोग को अनुमति दे दी है। उसमें कहा गया है कि पराली और गाय का गोबर मिलाकर बनने वाले उपलों को बनाने में निगम एनजीओ, स्वयं सहायता समूहों और अन्य सामाजिक संगठनों से मदद लेगा और विभिन्न शमशानों में लकड़ी के स्थान पर उपले उपलब्ध कराएगा। वहीं पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर निर्मल जैन ने भी कहा कि उन्होंने भी सात-आठ दिन पहले ऐसे प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

श्मशानों में महिलाएं दे दी अपनों को मुखागिनी

श्मशान घाट में शवों के साथ आने में महिलाओं के पहुंचने की संख्या कम नहीं हो रही है। रोजाना 8 से 10 शवों के साथ महिलाएं श्मशान घाट पहुंच रही हैं। इनमें से कुछ वे मुखागिनी भी दे रही हैं। ऐसे दृश्य देखकर वहां मौजूद कर्मचारियों व लोगों की आंखें भी नम हो जा रही हैं। कोरोना संक्रमित होने के कारण मौत के मुंह में जाने वाले लोगों के शवों को सीधे अस्पताल से श्मशान घाट ले जाया जा रहा है। ऐसे में खासतौर से घर की महिलाएं अपनों का अंतिम समय भी चेहरा नहीं देख पा रही हैं। इससे पहले अस्पताल में कोरोना संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए महिलाएं वहां तक भी नहीं जा पा रही हैं। अस्पताल से सीधे शव श्मशान घाट तक एंबुलेंस के जरिए ले जाया जाता है।

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