एनडीएमसी जी-20 की तैयारियों के तहत लगा रहा बड़ी संख्या में ट्यूलिप फूल

एनडीएमसी जी-20 की तैयारियों के तहत लगा रहा बड़ी संख्या में ट्यूलिप फूल
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नई दिल्ली क्षेत्र के सौंदर्यीकरण को बढ़ाने और जी 20 की मेजबानी को ध्यान में रखते हुए नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उद्यान विभाग द्वारा बड़ी संख्या में ट्यूलिप के फूल लगाये जा रहे हैं।

नई दिल्ली। नई दिल्ली क्षेत्र के सौंदर्यीकरण को बढ़ाने और जी 20 की मेजबानी को ध्यान में रखते हुए नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उद्यान विभाग द्वारा बड़ी संख्या में ट्यूलिप के फूल लगाये जा रहे हैं। एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने शुक्रवार को शांतिपथ, चाणक्यपुरी पर खुद ट्यूलिप बल्ब लगाते हुए उक्त बातें कही। उपाध्याय ने कहा कि 2023 में देश में पहली बार जी-20 नेताओं का शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा। भारत की जी 20 अध्यक्षता उसके इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण होगा क्योंकि यह सभी की भलाई के लिए व्यावहारिक वैश्विक समाधान खोज कर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है, और ऐसा करने में, वसुधैव कुटुम्बकम या विश्व एक परिवार है की सच्ची भावना को प्रकट करता है।

एनडीएमसी ने प्री-ट्रीटेड और प्री-प्रोग्राम फूल खरीदे

उपाध्याय ने कहा कि जी 20 समिट को लेकर देशभर में जबरदस्त तैयारियां चल रही हैं। ऐसे में जी 20 की मेजबानी, के लिए लुटियन जोन में भी एनडीएमसी के संबंधित विभागों और विभिन्न कार्यों पर दिन-रात काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रंग-बिरंगे ट्यूलिप फूलों से पूरे नई दिल्ली इलाके को सजाने में उद्यान विभाग लग गया है। उपाध्याय ने कहा कि ट्यूलिप बल्बों के साथ हमारे लिए इतनी चुनौती है कि सुप्तता को तोड़कर इसे अंकुरित करने के लिए 15 दिनों के द्रुतशीतन तापमान न्यूनतम 5 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है। इस चुनौती को देखते हुए एनडीएमसी ने प्री-ट्रीटेड और प्री-प्रोग्राम फूल खरीदे जो अनियमित स्थिति में आसानी से बच जाते हैं।

इस बाद सवा एक लाख से अधिक लगेंगे ट्यूलिप

उपाध्याय ने बताया कि जहां पिछले साल ट्यूलिप के 62 हजार 800 बल्ब लगाए गए थे, वहीं इस साल उनकी संख्या को बढ़ाकर 1 लाख 26 हजार कर दिया गया है जिसमें पीला, सफेद, संतरी, बैंगनी, नीला, गुलाबी व लाल रंगों के ट्यूलिप लगाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अगर जरुरत पड़ी तो ट्यूलिप की सख्या को और भी बढाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जी 20 के मद्देनजर ट्यूलिप के अलावा अन्य फूलों की किस्में जिसमें पिटूनिया, सालविया, सेनानेरिया, डिमाफ़ोटिका, एंटिरीनम, पापी, वरबीना, डायनथस होलीहोक, नास्तुरिटियम, बाइला, केलुम्ड्ला, डेसी, मेट्रोकेरिया, कोरिओप्सिस, लाईनम, आदि भी शामिल की गई है।

विभिन्न स्थानों पर बनाए जाएँगे विशेष सेल्फी पॉइंट्स

उपाध्याय ने जानकारी दी कि परिषद् के उद्यान विभाग द्वारा नई दिल्ली क्षेत्र के सौंदर्यीकरण को बढ़ाने के लिया और भी कई विशेष कार्य किए जा रहे हैं जिनमें "एनडीएमसी एज सिटी ऑफ फ्लावर्स" की संकल्पना पर काम कर रही है और इसके अलावा सेंट्रल पार्क में "फ्लॉवर फेस्टिवल" और "ट्यूलिप फेस्टिवल" का आयोजन भी किया जायेगा। इसके अलावा एनडीएमसी के अंतर्गत सभी क्षेत्रों पर सेल्फी पॉइंट्स बनाए जाएँगे जिसमें कनाट प्लेस के विभिन्न स्थान, रणजीत सिंह पुल, बाराखम्बा रोड, तालकटोरा गार्डन, 11 मूर्ति, मंडी हाउस गोल, आरएमएल गोल, विंडसर प्लेस गोल सी हेक्सागन, सुनहरी बाग गोल, तिलक मार्ग आदि स्थानों पर विशेष सेल्फी पॉइंट्स बनाए जाएँगे।

इन फूलों को केवल राष्ट्रपति भवन में देखा जाता था

उपाध्याय ने कहा कि पहले इन फूलों को केवल राष्ट्रपति भवन में देखा जाता था और अब इन्हें एनडीएमसी के सार्वजनिक क्षेत्रों में लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में एनडीएमसी पहला नागरिक निकाय है जिसने इस प्रकार के बहुमूल्य फूलों को लगाया है। किसी अन्य नागरिक निकाय ने इन्हें सार्वजनिक क्षेत्र में नहीं लगाया। उन्होंने कहा कि एनडीएमसी अन्य नगरपालिकाओं के लिए एक रोल मॉडल है और इसकी हरियाली के लिए मान्यता प्राप्त है, जो न केवल सुखदायक प्रभाव का द्वीप बनाता है बल्कि कुछ हद तक ताप-प्रभाव और वायु और धूल प्रदूषण का भी ख्याल रखता है। उपाध्याय ने कहा कि इन बहुमूल्य फूलों की प्रतिक्रिया जीवन के हर क्षेत्र से उत्कृष्ट है। उन्होंने कहा कि इन खूबसूरत फूलों को देखने से न केवल सकारात्मक मानसिकता का संचार होता है बल्कि वहां से गुजरते समय खुशी भी मिलती है

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