यमुना नदी में अमोनिया के स्तर बढ़ने को लेकर NGT सख्त, CPCB को दिये ये निर्देश

दिल्ली की यमुना नदी में एक फिर से अमोनिया का स्तर बढ़ने लगा है। जिसको लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सख्ती दिखाई है। आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों में लगातार प्रदूषण बढ़ने के कारण अमोनिया का स्तर बढ़ा है। जिसको लेकर एनजीटी द्वारा नियुक्त यमुना निगरानी समिति ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रदूषण के मुख्य स्रोतों की पहचान करने को कहा है जिनके कारण दिल्ली में नदी में अमोनिया के स्तर में वृद्धि हुयी है। समिति ने 10 जनवरी तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
दिल्ली जल बोर्ड ने लगाया आरोप
समिति का यह निर्देश ऐसे वक्त आया है, जब दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने आरोप लगाया है कि बार-बार ध्यान दिलाए जाने के बावजूद हरियाणा ने उद्योगों से निकलने वाले गंदे पानी का बहाव रोकने के लिए कदम नहीं उठाया है और सीपीसीबी से तुरंत समाधान के लिए उपाय करने का आग्रह किया है। समिति ने मीडिया की एक खबर का उल्लेख करते हुए कहा कि वजीराबाद में यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़कर सात पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) हो गया जबकि मान्य सीमा 0.8 पीपीएम है। समिति में दिल्ली की पूर्व मुख्य सचिव शैलजा चंद्रा और एनजीटी के सेवानिविृत्त विशेषज्ञ सदस्य बी एस सजवान शामिल हैं।
नाला संख्या छह और आठ से यमुना नदी में बढ़ा अमोनिया का स्तर
समिति ने कहा कि खबर में कहा गया है कि मुख्य रूप से रोहतक रेगुलेटर के जरिए नाला संख्या छह और आठ से यमुना नदी में उद्योगों का गंदा पानी आने के कारण यह स्तर बढ़ा है। समिति ने कहा कि हर साल दिसंबर-फरवरी के दौरान सर्दी के महीनों में अमोनिया के स्तर में बढोतरी होती है। ऐसे में सीपीसीबी और एचएसपीसीबी सर्दी के महीनों के दौरान निगरानी तंत्र को मजबूत बनाएं और उद्योगों की गतिविधियों की निगरानी करें। प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कि लिए भी कदम उठाए जाएं।
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