टेरर फंडिंग केस में NIA कोर्ट यासीन मलिक पर 18 अप्रैल को तय करेगी आरोप, इन अलगाववादी नेताओं के नाम भी है शामिल

टेरर फंडिंग केस में NIA कोर्ट यासीन मलिक पर 18 अप्रैल को तय करेगी आरोप, इन अलगाववादी नेताओं के नाम भी है शामिल
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देश की राजधानी दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने कश्मीर में आतंकी फंडिंग के मामले में अलगाववादी नेता (separatist leader) यासीन मलिक ( Yasin Malik) के खिलाफ 18 अप्रैल को आरोप तय करने का आदेश दिया है।

देश की राजधानी दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने कश्मीर में आतंकी फंडिंग के मामले में अलगाववादी नेता (separatist leader) यासीन मलिक ( Yasin Malik) के खिलाफ 18 अप्रैल को आरोप तय करने का आदेश दिया है। स्पेशल जज प्रवीण सिंह (Judge Praveen Singh) ने ये आदेश दिया। 19 मार्च को कोर्ट ने हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताफ अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट उर्फ पीर सैफुल्ला और अन्य आरोपी के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था।

दूसरी ओर यासीन मलिक, बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसरत आलम, पूर्व विधायक राशिद इंजीनियर, व्यवसायी जहूर अहमद शाह वटाली, आफताब अहमद शाह, अवतार अहमद शाह, नईम खान, बशीर अहमद भट और कई अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेता के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से संबंधित आरोप तय किए गए हैं।

इसके अलावा कोर्ट ने कामरान यूसुफ, जावेद अहमद भट्ट और सैयद आसिया फिरदौस अंद्राबी को भी बरी कर दिया है। इससे पहले 16 मार्च को, विशेष एनआईए न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने कहा था, "गवाहों के बयानों और दस्तावेजी सबूतों के विश्लेषण से पता चलता है कि लगभग सभी आरोपी एक-दूसरे से जुड़े रहे हैं और अलगाव के एक सामान्य उद्देश्य से जुड़े रहे है।

सभी आरोपियों ने पाकिस्तान से चंदा लेते हुए आतंकियों और आतंकी संगठनों से करीबी संबंध थे। उल्लेखनीय है कि यह मामला इस्लामिक स्टेट समर्थित विभिन्न आतंकी संगठनों से जुड़ा है। इसमें लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिजबुल-मुजाहिदीन (एचएम), जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) और जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) शामिल हैं, जो जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों (terrorist activities) को बढ़ावा दे रहे थे।

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