Noida Crime: नोएडा में वाहन चोर गैंग का भंडाफोड़, जम्मू-कश्मीर से गुजरात तक बेचा करते थे चोरी की गाड़ियां

Noida Crime नोएडा में एक वाहन चोर गैंग का पर्दाफाश किया गया है। ये चोर दिल्ली-एनसीआर से गाड़ियां चुराकर अन्य राज्यों में बेच दिया करते थे। नोएडा पुलिस ने एक अंतर्राज्यीय वाहन चोर गैंग का खुलासा किया है जो चोरी की गई कारों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर और उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से ले जाकर जम्मू-कश्मीर व गुजरात में बेचते थे। पुलिस ने गिरोह के सदस्यों के पास से कई लग्जरी कारें भी बरामद की हैं।
एक सूचना के आधार पर आरोपी नोएडा से किये गये गिरफ्तार
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये वाहन चोर नोएडा के सेक्टर 70 स्थित एक पीजी में एक साल से ठहरे हुए थे, यहीं से ये लोग अपना गिरोह चला रहे थे। पुलिस ने बताया कि 28 दिसंबर की रात को थाना सेक्टर 58 के प्रभारी अनिल कुमार ने एक सूचना के आधार पर सेक्टर 61 के पास से आठ वाहन चोरों को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि पकड़े गए वाहन चोरों के नाम मोहम्मद आसिफ पुत्र जरीफ अहमद निवासी जनपद मुरादाबाद, मोहम्मद अशरफ भट्ट निवासी श्रीनगर जम्मू कश्मीर, रवि सोलंकी निवासी राजकोट गुजरात, कुलदीप कुमार वर्मा निवासी मुरादाबाद, मोहम्मद हसन निवासी संभल, मनोज पाल निवासी हाथरस, मोहम्मद आमिर निवासी मुरादाबाद, राजेश शर्मा उर्फ पंडित निवासी आगरा को गिरफ्तार किया है।
कई गाड़ियां की गई बरामद
उन्होंने बताया कि वाहन चोरों के पास से पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से चोरी की गई चार फॉर्च्यूनर कार, एक क्रेटा कार, एक डस्टर कार, एक होंडा सिटी कार तथा दो स्विफ्ट कार बरामद की है। पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि ये लोग चोरी के वाहनों के फर्जी आरसी तैयार कर उनके असली चैसिस व इंजन नंबर मिटा कर, फर्जी इंजन व चेसिस नंबर बनाकर गाड़ियों की खरीद-फरोख्त करते थे। अधिकारी ने बताया कि वाहन चोर सेक्टर 70 स्थित एक पीजी में एक वर्ष से ठहरे हुए थे।
नकद के साथ कई दस्तावेज भी मिले
इनके पास से पुलिस ने दो लाख रुपये नगद, फर्जी आरसी, दो प्रेस स्टीकर, दो प्रेस आईडी कार्ड, एक गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के सहायक कमिश्नर का आईडी कार्ड, 74 चाबियां, ड्रिल मशीन, लॉक खोलने में प्रयोग होने वाली मशीन आदि बरामद किया है। उन्होंने बताया कि इस गैंग के लोग जम्मू कश्मीर व गुजरात से फ्लाइट से दिल्ली आते थे तथा यहां से चोरी के वाहनों को चला कर वहां ले जाते थे। उन्होंने बताया कि ये लोग अपने वाहनों पर प्रेस व भारत सरकार का फर्जी स्टीकर लगाकर चलते थे ताकि पुलिस इन्हें चेकिंग के दौरान ना रोके।
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