अब बच्चों के बैग का वजन होगा कम, दिल्ली सरकार ने जारी किये ये दिशा-निर्देश

अब बच्चों के बैग का वजन होगा कम, दिल्ली सरकार ने जारी किये ये दिशा-निर्देश
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शिक्षा निदेशालय ने स्कूल के प्रधानाध्यापकों को लिखे पत्र में कहा है कि स्कूल जाने वाले छात्रों के स्वास्थ्य के लिये भारी स्कूल बैग गंभीर खतरा हैं। बच्चों के विकास पर इसका खराब शारीरिक प्रभाव पड़ता है।

अब दिल्ली में स्कूलों के छात्रों को भारी भरकम बैगों से जूझना नहीं पड़ेगा। क्योंकि दिल्ली सरकार ने छात्रों के बैग को लेकर नई गाइडलाइन्स जारी की है। दिल्ली सरकार ने स्कूल बैग नीति 2020 के तहत प्राइमरी, सेकेंड्री और सीनियर सेकेंड्री कक्षाओं के बच्चों के स्कूली बस्ते के वजन को कम किया है। स्कूलों के छात्रों को भारी भरकम बस्तों से कई प्रकार की समस्या आती थी। जो कि इस प्रकार के दिशा-निर्देशों से छात्रों को बहुत राहत मिलेगी। अब यही नीति दिल्ली में लागू होने वाली है।

इस नियम के तहत अब स्कूली बैग का वजन ज्यादा से ज्यादा पांच किलो ही हो सकेगा। इस संबंध में दिल्ली सरकार ने अपने अधीन सभी स्कूलों के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। शिक्षा निदेशालय ने स्कूल के प्रधानाध्यापकों को लिखे पत्र में कहा है कि स्कूल जाने वाले छात्रों के स्वास्थ्य के लिये भारी स्कूल बैग गंभीर खतरा हैं। बच्चों के विकास पर इसका खराब शारीरिक प्रभाव पड़ता है। यह उनके घुटनों एवं रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचा सकता है। पत्र में यह भी कहा गया है कि दो और तीन मंजिली इमारतों में चलने वाले स्कूलों में बच्चे भारी बस्ता लेकर सीढ़ियां चढ़ते हैं जिससे समस्या बढ़ सकती है।

नाबालिग छात्रों के वाहन चलाने से रोके माता-पिता: दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे नाबालिग छात्रों के वाहन चलाने के कानूनी परिणामों के बारे में उनके माता-पिता को जागरूक करें। स्कूलों को यह सुनिश्चित करने को भी कहा गया है कि किसी भी नाबालिग छात्र को स्कूल आने और वहां से घर जाने के लिए कोई वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जाए। शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने स्कूल के प्राचार्यों को लिखे एक पत्र में कहा है, ''वाहन चलाते हुए किशोरों द्वारा किये जाने वाले अपराध की घटनाओं में वृद्धि हो रही है।

दिल्ली भाजपा ने सिसोदिया को शिक्षा मॉडल पर बहस की चुनौती दी

दिल्ली भाजपा ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित आप नेताओं पर आरोप लगाया कि जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं वहां वे राजनीतिक पर्यटन कर रहे हैं और उन्हें चुनौती दी कि अरविंद केजरीवाल सरकार के शिक्षा मॉडल पर बहस करें। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

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