Delhi Oxygen Crisis: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा- अफसरों को जेल भेजकर समस्या का हल नहीं होगा, दिल्ली को मिले 700 एमटी ऑक्सीजन

Delhi Oxygen Crisis दिल्ली में कोरोना से कोहराम के बीच अस्पतालों (Delhi Hospital) में ऑक्सीजन का संकट (Shortage Of Oxygen) बरकरार है। वहीं अब ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस संबंध में केंद्र सरकार (Central Government) को फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि अफसरों को जेल में डालने या फिर उन पर अवमानना की कार्रवाई करने से ऑक्सीन की समस्या हल नहीं होगी। इस दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि दिल्ली की ऑक्सीजन मांग अधिक है। उसके मुताबिक संसाधन की जरूरत पूरी करने की कोशिश की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये एक राष्ट्रीय आपदा है, ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोगों की मौत हुई है। केंद्र अपनी ओर से कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी कमी है ऐसे में अपना प्लान हमें बताइए।
पिछले तीन दिन में दिल्ली को कितनी ऑक्सीजन आवंटित की: सुप्रीम कोर्ट
केंद्र की ओर से कहा गया कि दिल्ली 500 एमटी ऑक्सीजन से काम चला सकता है, लेकिन जस्टिस चंद्रचूड़ ने इससे इनकार किया और कहा कि हमने 700 एमटी का आदेश दिया है, हम उससे पीछे नहीं हट सकते हैं। अदालत ने साफ कहा कि दिल्ली को 700 एमटी ऑक्सीजन मिलना चाहिए, उससे कम हमें मंजूर नहीं होगा। हाई कोर्ट की ओर से केंद्र को जारी अवमानना नोटिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि अधिकारियों को जेल में डालने से शहर में ऑक्सीजन नहीं आएगी, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जिंदगियां बचें। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि हमें बताइए कि आपने पिछले तीन दिन में दिल्ली को कितनी ऑक्सीजन आवंटित की है। अदालत ने कहा कि दिल्ली में कोविड वैश्विक महामारी बहुत गंभीर चरण में है।
दिव्यांगों का टीकाकरण को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा
दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को एक जनहित याचिका दाखिल कर केंद्र और दिल्ली सरकार को कोविड-19 टीकाकरण में दिव्यांग लोगों को प्राथमिकता देने और उनके लिए विशेष प्रावधान करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने दो दिव्यांगों की इस याचिका पर स्वास्थ्य मंत्रालय और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किये। अधिवक्ता सिद्धार्थ सीम और जॉएसी के जरिए दाखिल याचिका में उन्होंने दलील दी है कि कोविड-19 टीकाकरण में दिव्यांगों को प्राथमिकता के लिए प्रावधान नहीं किया जाना ऐसे लोगों को तरजीह देने के लिए संविधान की भावना का उल्लंघन है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS