मतदान पूर्व अंतिम वीकेंड का पार्टियों ने उठाया भरपूर फायदा, प्रचार में झोंकी पूरी ताकत

नई दिल्ली। निगम चुनाव के मतदान से पूर्व अंतिम वीकेंड रविवार का भाजपा, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, बसपा, अन्य दलों तथा निर्दलीयों ने जमकर फायदा उठाया। पूरी दिल्ली में 27 नवंबर रविवार को इन पार्टियों ने मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने में पूरी ताकत झौंक दी। क्योंकि अगले रविवार 4 दिसंबर को वोटिंग होनी है ऐसे में अधिक से अधिक मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने के लिहाज से यह अंतिम सुपर संडे था। जहां एक तरफ भाजपा व आम आदमी पार्टी के स्टार प्रचारकों ने सुपर संडे का जमकर फायदा उठाया वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारकों का कहीं अता पता नहीं था। हां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ अनिल कुमार सुबह से देर रात तक प्रचार में जरूर जुटे रहे। स्टार प्रचारकों के गायब रहने से कांग्रेस उम्मीदवारों का निराशा होने लगी है। क्योंकि अब प्रचार में केवल पांच दिन शेष बचे है।
सुपर संडे को धुआंधार प्रचार का आलाम यह रहा कि अधिकांश गली मोहल्लों से एक दल की रैली गुजरी नहीं की तुरंत दूसरे दल की रैली घड़ धड़ाते हुए आ पहुंची। कहीं नुक्कड़ सभाएं तो कहीं ढोल नगाड़ा, गाजे बाजे के साथ हाथ जोड़े उम्मीदवार आते जाते रहे। इनमें भाजपा के स्टार प्रचारकों में पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, सांसदों में मनोज तिवारी, प्रवेश साहिब वर्मा, गौतम गंभीर, रमेश बिधूड़ी, विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, विधायक विजेंद्र गुप्ता सहित अन्य विधायकों ने सुबह से लेकर देर रात तक मैराथन प्रचार किया।
वहीं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, प्रदेश संयोजक व मंत्री गोपाल राय, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, कैलाश गहलोत, इमरान खान, विधायकों में मुख्य रूप से आतिशी, दिलीप कुमार, सौरभ भारद्धाज, संजीव झा सहित अधिकांश विधायकों ने अपने क्षेत्रों के अलावा जातिगत समीकरणों वाले दूसरे वार्डों में भी जाकर प्रचार किया। वहीं कांग्रेस पार्टी प्रचार के मामले में भाजपा व आप पार्टी से बहुत पीछे चल रही है। लास्ट वीकेंड होने के बावजूद कांग्रेस के स्टार प्रचारकों का कहीं अता पता नहीं रहा। अकेले प्रदेश अध्यक्ष चौ अनिल कुमार ने ही दर्जनों जगहों पर रैलियों, पदयात्राओं, नुक्कड़ सभाओं आदि में शामिल होकर पार्टी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगे।
चौ अनिल के अलावा प्रदेश प्रभारी अजय कुमार, मीडिया कमेटी अध्यक्ष अनिल भारद्वाज, पूर्व सांसद रमेश कुमार, पूर्व मंत्री हारून यूसुफ, किरण वालिया, डा नरेद्र नाथ, जयकिशन, हरिशंकर गुप्ता, देवेंद्र यादव आदि ने प्रचार किया। लेकिन कांग्रेस के वो स्टार प्रचारक गायब रहे जिनका पहली सूची में नाम था। कांग्रेस की पहली 40 स्टार प्रचारकों की सूची में अधीर रंजन चौधरी, हरीश रावत, राजेश शुक्ला, तारिक अनवर, जितेंद्र सिंह, पीएल पुनिया, कुमारी शैलजा, अखिलेश प्रसाद सिंह, नितिन राउत, संजय निरूपम, मनप्रीत सिंह बादल, इशरत जहां, सैयद नासिर हुसैन, हिबी एडेन,दीपा देशमुख, प्रमोद तिवारी सहित अन्य बड़े नाम वाले नेता अंतिम संडे को भी प्रचार मैदान से लगभग गायब रहे। इस बारे में प्रदेश के अधिकांश नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। राजनीति में चुनाव पूर्व अंतिम संडे को प्रचार के लिए बहुत कामयाब माना जाता है। क्योंकि अधिकांश लोगों का अवकाश रहता है वो घरों में मिलते है। ऐसे में चुनावी रैलियां हो, या पद यात्रा अथवा डोर टू डोर केंपेन।
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