अमानतुल्ला खान के नामांकन को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता को राहत देने से इनकार

अमानतुल्ला खान के नामांकन को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता को राहत देने से इनकार
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हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि अगर जुर्माना लगाया जाता है तो वह इसका भुगतान करेगा और उसके पास ऐसा करने का साधन था लेकिन अब वह आर्थिक तंगी का दावा कर रहा है।

दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान के दिल्ली वक्फ बोर्ड का सदस्य चुने जाने के लिये दाखिल नामांकन को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता पर लगाये गये 25 हजार रुपये के जुर्माने को माफ करने से दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि अगर जुर्माना लगाया जाता है तो वह इसका भुगतान करेगा और उसके पास ऐसा करने का साधन था लेकिन अब वह आर्थिक तंगी का दावा कर रहा है। पीठ ने याचिकाकर्ता मोहम्मद तुफैल खान से कहा कि आपसे किसने याचिका दायर करने को कहा था। इसके साथ ही पीठ ने जुर्माना माफ करने के लिए किए गए आवेदन को खारिज कर दिया। उल्लेखनीय है कि खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले तुफैल खान ने दावा किया था कि बोर्ड के सदस्य के लिए दिल्ली सरकार द्वारा आप विधायक का चुनाव के लिए नामांकन कराना गैर कानूनी, मनमाना और भेदभावपूर्ण है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा- दिव्यांगों की मदद में देरी क्यों?

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक गैर सरकारी संगठन द्वारा दायर हलफनामा की सुनवाई करते हुये केंद्र सरकार से पूछा की दिव्यांगों को कम कीमत पर अनाज क्यों नहीं मिल सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत निम्न वर्गों को कम कीमत पर अनाज दिया जा सकता है तो दिव्यांगों को क्यों नहीं। चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल की पीठ ने केंद्र सरकार से पूछा कि दिव्यांग को कैसे मदद मिलेगी आप हमें बताये? जब आप निम्न वर्गों को शामिल कर रहे हैं तो दिव्यांगों को भी करना चाहिए। क्योंकि उनके लिए संसद ने अलग से कानून भी बनाये गये है जिसके तहत उनकी मदद की जाती है। आप एक श्रेणी के लिए करते हो तो दूसरे को कैसे भूल जाते हो। पीठ ने आगे कहा कि यदि केंद्र सरकार यह नहीं कर सकती तो दिल्ली हाईकोर्ट इसे करने का निर्देश देगी।

वकीलों को आर्थिक सहायता देने संबंधी याचिका वापस लेने की अनुमति दी

दिल्ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) में पंजीकृत वकीलों को कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान आर्थिक सहायता देने का अनुरोध करने संबंधी याचिका वापस लेने की मंगलवार को अनुमति दे दी। याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने का अनुरोध किया जब अदालत ने पाया कि यह याचिका बिना किसी आधार के दायर की गई थी। याचिका में वैश्विक महामारी की स्थिति सामान्य होने तक ईएमआई और ऋण अदायगी पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया गया था।

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