फोन टैपिंग मामले में दिल्ली पुलिस CM गहलोत के ओएसडी को भेजेगी तीसरा नोटिस, क्राइम ब्रांच लेगी ये एक्शन!

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) के खिलाफ चल रहे फोन टैपिंग मामले (Phone tapping cases) में क्राइम ब्रांच (Crime Branch) की जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। इसका मुख्य कारण राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ( Lokesh Sharma) का क्राइम ब्रांच के सामने पेश नहीं होना है।
लोकेश शर्मा को पुलिस पहले भी दो बार नोटिस भेज चुकी है, लेकिन फिर भी अभी तक शर्मा जांच में शामिल नहीं हुए है। वही दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर 13 जनवरी तक रोक लगा दी है। इसलिए क्राइम ब्रांच की टीम जल्द ही लोकेश शर्मा को तीसरा नोटिस (Notices) पूछताछ के लिए भेजेगी।
क्राइम ब्रांच दो बार भेज चुकी है नोटिस
पुलिस टीम ने इस मामले में लोकेश शर्मा को पूछताछ के लिए दो बार नोटिस भेजा, लेकिन वह उनके सामने पेश नहीं हुए। उन्हें पहला नोटिस 22 अक्टूबर को भेजा था। जिसमे उन्हें रात 11 बजे पेश होने के लिए कहा गया था।
इस बीच क्राइम ब्रांच के अधिकारी दिन भर उसका इंतजार करते रहे, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। उसके बाद क्राइम ब्रांच ने एक बार फिर उन्हें 12 नवंबर को रोहिणी स्थित क्राइम ब्रांच के ऑफिस में पेश होने का नोटिस भेजा था। नोटिस में कहा गया था कि अगर वह इस बार पेश नहीं हुए तो उन्हें पुलिस को गिरफ्तार करना पड़ेगा।
गिरफ़्तारी से बचने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का किया था रुख
नोटिस मिलने के बाद लोकेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी. जिसपर हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 13 जनवरी तक रोक लगा दी है। क्राइम ब्रांच के सूत्रों का कहना है कि वे एक बार फिर उस नोटिस को लोकेश शर्मा को पूछताछ के लिए भेजेंगे।
अब तक उसे दो बार नोटिस भेजा जा चुका है लेकिन वह क्राइम ब्रांच के सामने पेश नहीं हुआ है। पुलिस को यह भी स्पष्ट है कि वे लोकेश शर्मा को 13 जनवरी तक गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं।
ये है मामला
उल्लेखनीय है कि 25 मार्च को केंद्रीय मंत्री शेखावत ने लोकेश शर्मा और अन्य के खिलाफ फोन टैपिंग मामले में आपराधिक साजिश और अवैध रूप से टेलीग्राफिक सिग्नल (Telegraphic Signal) को 'इंटरसेप्ट' करने की शिकायत दी थी, जिसके आधार पर मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने शर्मा के खिलाफ किसी भी कार्रवाई पर 13 जनवरी तक रोक लगा दी है।
शर्मा ने फोन टैपिंग में अपनी संलिप्तता के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए केवल सोशल मीडिया (Social Media) पर उपलब्ध क्लिप को फॉरवर्ड किया था। जिसके कारण ओएसडी लोकेश शर्मा को क्राइम ब्रांच ने मुख्य आरोपी बनाया गया है।
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