RTI की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: दिल्ली की जेलों में ऐसे बिता रहें कैदी अपनी जिंदगी, जानकर रह जाएंगे दंग

देश के विभिन्न शहरों में अपराध की घटना आए दिन होती रहती है। जिसको लेकर अपराधियों की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही जो अब एक समस्या का कारण बनता जा रहा है। इसी बीच आरटीआई (RTI) ने जेलों में कैदियों की संख्या को लेकर बड़ा खुलासा किया है। आरटीआई (RTI) की रिपोर्ट के अनुसार राजधानी दिल्ली की जेलों में कैदियों (Prisoners in Jails) की संख्या क्षमता से दोगुनी है।
आरटीआई की ओर से मांगी गई सूचना में जेल प्रशासन (Prison Administration) की ओर से कहा गया है कि तिहाड़ परिसर की नौ जेलों में कैदियों (Prisoners in Jails) की क्षमता (Prisoners Capacity) से ढाई गुना से ज्यादा है जबकि मंडोली जेल में क्षमता से दो गुना ज्यादा है। स्वाभाविक रूप से जेल प्रशासन को क्षमता से अधिक संख्या में इन कैदियों को नियंत्रित करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
तिहाड़ की नौ जेलों में कैदियों की निर्धारित क्षमता 5200 है, लेकिन यहां फिलहाल अभी 13383 कैदी कैद हैं। वही मंडोली परिसर की छह जेलों में 1050 कैदियों की निश्चित क्षमता है, लेकिन यहां 2037 कैदी सजा काट रहे हैं। इसके ठीक इसी तरह रोहिणी जेल (Rohini Jail) की क्षमता 3776 है। और यहां 4355 कैदी हैं। कैदियों की संख्या के लिहाज से सबसे ज्यादा दबाव तिहाड़ कॉम्प्लेक्स की जेलों पर पड़ रहा है।
इस लिहाज से कैदियों की संख्या ज्यादा होने को लेकर रोहिणी जेल पर सबसे कम दबाव है। वही मंडोली जेल (Mandoli Jail) का हाल लगभग तिहाड़ जेल की तरह ही हो गया है। बता दें पहले दिल्ली में केवल तिहाड़ जेल (Tihar Jail) परिसर हुआ करता था। कैदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए तिहाड़ के बाद रोहिणी और फिर मंडोली में जेल बनाई गयी। लेकिन जेलों की संख्या बढ़ाने का कोई खास असर नहीं पड़ा। वर्तमान में दिल्ली में नरेला और बापरोला में जेल परिसर का निर्माण करने की योजना है। नरेला में डीडीए से जमीन मिल चुकी है। उम्मीद है कि अगले साल यहां निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
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