प्राइवेट स्कूलों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा

कई निजी स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक न्यास ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर दिल्ली सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया है कि आर्थिक रूप से कमजोर तबके और वंचित समूहों के छात्रों को शिक्षा देने के लिए बकाया राशि का भुगतान करे। बच्चों को नि:शुल्क एवं आवश्यक शिक्षा कानून, 2009 अधिकार के तहत दिल्ली सरकार का शिक्षा निदेशालय (डीओई) आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) और वंचित समूहों (डीजी) को गैर वित्तीय सहायता प्राप्त निजी स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनका खर्च उठाता है।
दिल्ली स्थित प्राइवेट लैंड पब्लिक स्कूल ट्रस्ट ने वकील ए. पी. सिंह के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में बृहस्पतिवार को याचिका दायर की और आगामी दिनों में इस पर सुनवाई हो सकती है। याचिका में कहा गया है कि प्रतिवादी संख्या दो और तीन (क्रमश: डीओई और दिल्ली सरकार) के खिलाफ नोटिस जारी किया जाए।
ईब्ल्यूएस और डीजी श्रेणी के छात्रों को गैर वित्तीय सहायता प्राप्त निजी स्कूलों द्वारा शिक्षा देने के लिए सभी बकाया राशि जारी करे और भविष्य में हर तीन महीने पर इसका भुगतान करे ताकि स्कूल ठीक तरीके से अपनी वित्तीय स्थिति का प्रबंधन कर सके।
सिंह ने कहा कि न्यास राष्ट्रीय राजधानी के 150 से अधिक निजी स्कूलों का प्रतिनिधित्व करता है जो ईडब्ल्यूएस एवं डीजी श्रेणी के छात्रों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए डीओई की तरफ से भुगतान में देरी के कारण दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
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