मोहल्ला क्लीनिकों की दुर्दशा के लिए केजरीवाल सरकार जिम्मेदार: बिधूड़ी

मोहल्ला क्लीनिकों की दुर्दशा के लिए केजरीवाल सरकार जिम्मेदार: बिधूड़ी
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दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने हैरानी जताई है कि केजरीवाल सरकार मोहल्ला क्लीनिकों का ढांचा पूरी तरह से चरमराने के बाद अब अपनी नाकामी अफसरों पर डाल रही है।

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने हैरानी जताई है कि केजरीवाल सरकार मोहल्ला क्लीनिकों का ढांचा पूरी तरह से चरमराने के बाद अब अपनी नाकामी अफसरों पर डाल रही है। मोहल्ला क्लीनिकों में तीन महीनों से डॉक्टरों की सैलरी न बटने, टेस्ट न होने और दवाइयों की किल्लत के लिए आप सरकार जिम्मेदार है लेकिन वह अपनी नाकामी छिपाने के लिए कुछ अफसरों को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रही है।

बिधूड़ी ने कहा कि अगस्त महीने के बाद से डॉक्टरों को सैलरी नहीं मिली, टेस्ट भी बंद पड़े हैं और पिछले सात महीनों से वाई फाई, सफाई और स्टेशनरी के खर्चे का भुगतान नहीं किया जिसका डॉक्टर अपनी जेब से भुगतान कर रहे हैं लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार को इसकी सुध ही नहीं थी। जब भाजपा ने इस मामले को उठाया और सरकार से सवाल पूछे तो सरकार को होश आया और अब वह अपनी असफलता को छिपाने के लिए बहाने तलाश कर रही है। अब आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता इसकी जिम्मेदारी कुछ अफसरों पर डाल रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि तीन महीने से आम आदमी पार्टी सरकार को यह पता ही नहीं चला कि मोहल्ला क्लीनिकों का हाल बेहाल हो चुका है।

पिछले तीन महीनों में मोहल्ला क्लीनिकों का कितनी बार दौरा किया

बिधूड़ी ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार अफसरों से पूछ रही है कि आप मोहल्ला क्लीनिकों का कितना बार दौरा करने गए हैं लेकिन हम आप विधायकों से पूछते हैं कि आपने पिछले तीन महीनों में मोहल्ला क्लीनिकों का कितनी बार दौरा किया है। विधायक ही क्यों, दिल्ली में स्वास्थ्य मंत्री का काम देख रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कितनी बार मोहल्ला क्लीनिक गए हैं। अगर विधायक या मंत्री एक बार भी मोहल्ला क्लीनिक गए होते तो उन्हें वास्तविकता का पता चल जाता। यह तो भाजपा नेताओं ने जनता की शिकायतों को सुनते हुए मोहल्ला क्लीनिकों का जायजा लिया और तब सरकार को होश आया।

केजरीवाल सरकार समस्याओं को हल करने में पूरी तरह हुई फेल

बिधूड़ी ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों की दुर्दशा के लिए आम आदमी पार्टी बहानेबाजी छोड़े और दूसरों को दोष देने की बजाय अपने गिरेबान में झांके। दिल्ली में प्रदूषण, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, राशनिंग व्यवस्था और स्वास्थ्य समेत तमाम बड़ी समस्याएं गंभीर रूप धारण कर चुकी हैं और यह सरकार इन समस्याओं को हल करने में पूरी तरह फेल हो गई है।

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