दिल्ली विश्वविद्यालय में डांस विषय वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय में नृत्य विषय में आगे की शिक्षा शुरू करने के लिए केंद्र और विश्वविद्यालय को निर्देश देने के लिये दायर याचिका पर विचार करने से मंगलवार को इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट इस तरह का कोई निर्देश नहीं दे सकती है क्योंकि वह किसी विश्वविद्यालय से यह नहीं कह सकती कि उसे अपने यहां कौन सा पाठ्यक्रम पढ़ाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी विषय की पढ़ाई शुरू करने से पहले उसका पाठ्य विवरण तय करना होता है और इसमें संकाय के सदस्य शामिल होते हैं और कई तरह के कदम उठाए जाते हैं इसलिए विश्वविद्यालय इस संबंध में निर्णय करने के लिए अदालत से ज्यादा बेहतर है। पीठ ने यह भी कहा कि देश में जरूर अन्य संस्थान होंगे जहां नृत्य विषय की पढ़ाई होती होगी और याचिकाकर्ता को वहां जाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने मांगा केन्द्र सरकार से जवाब
हाईकोर्ट ने दिवाला संशोधन करने वाले अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिका पर मंगलवार को केन्द्र सरकार से जवाब मांगा। इस अध्यादेश के जरिये 25 मार्च 2020 को अथवा इसके बाद सामने आने वाले डिफाल्ट मामलों में आईबीसी के तहत कार्रवाई को छह माह के लिये निलंबित किया गया है। कोरोना वायरस महामारी को देखते हुये सरकार ने यह कदम उठाया।
पीठ ने याचिका को लेकर विधि मंत्रालय और भारतीय दिवाला एवं रिणशोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) से 31 अगस्त तक जवाब देने को कहा है। याचिका में आईबीसी कानून में अध्यादेश के जरिये किये गये संशोधन को हटाने की मांग की गई है। केन्द्र सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता अमित महाजन ने मंत्रालय की तरफ से पेश होते हुये याचिका का विरोध करते हुये कहा कि यह सुनवाई योग्य नहीं है।
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