CAG की रिपोर्ट में खुलासा, 4 साल में दिल्ली सरकार पर बढ़ा 2,268 करोड़ रुपये का कर्ज

CAG की रिपोर्ट में खुलासा, 4 साल में दिल्ली सरकार पर बढ़ा 2,268 करोड़ रुपये का कर्ज
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देश की राजधानी दिल्ली की सत्ता में बैठी केजरीवाल सरकार (Delhi Government) की नफा-नुकसान पर CAG की रिपोर्ट मंगलवार को दिल्ली विधानसभा ( Delhi Legislative Assembly) में पेश की गई। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 4 साल में दिल्ली सरकार (Delhi Government) का कर्ज 7 फीसदी बढ़ा है।

देश की राजधानी दिल्ली की सत्ता में बैठी केजरीवाल सरकार (Delhi Government) की नफा-नुकसान पर CAG की रिपोर्ट मंगलवार को दिल्ली विधानसभा ( Delhi Legislative Assembly) में पेश की गई। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 4 साल में दिल्ली सरकार (Delhi Government) का कर्ज 7 फीसदी बढ़ा है। रिपोर्ट में पेश ये आंकड़े 2019-20 तक के हैं।

हालांकि, इसने राजस्व अधिशेष बनाए रखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015-16 की शुरुआत में कर्ज 32,497.91 करोड़ रुपये से बढ़कर 2019-20 के अंत में 2,268.93 करोड़ रुपये (6.98 प्रतिशत) से बढ़कर 34,766.84 करोड़ रुपये हो गया। मार्च 2020 को समाप्त वर्ष के लिए राज्य वित्त पर वर्ष 2021 की सीएजी रिपोर्ट उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत की गई थी।

रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार (Delhi Government) की राजस्व प्राप्तियों में पिछले वर्ष की तुलना में 4,023 करोड़ रुपये (9.33 प्रतिशत) की वृद्धि हुई। वर्ष 2019-20 में राजस्व प्राप्तियों का लगभग 79.90 प्रतिशत सरकार के अपने संसाधनों से आया जबकि सहायता अनुदान का योगदान 20.10 प्रतिशत था। सब्सिडी पर सरकार का खर्च 2015-16 के 1,867.61 करोड़ रुपये से बढ़कर 2019-20 में 3,592.94 करोड़ रुपये (92.38 फीसदी) हो गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015-16 की तुलना में 2019-20 में सब्सिडी पर खर्च 41.85 फीसदी बढ़ा है।स्थानीय निकायों और अन्य को वित्तीय सहायता 2018-19 में 15,087.22 करोड़ रुपये से 7.59 प्रतिशत बढ़कर 2019-20 में 16,232.97 करोड़ रुपये हो गई। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Delhi Metro Rail Corporation Limited) में किए गए निवेश पर पिछले वर्ष की तुलना में 2019-20 में निवेश में 150 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई। सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-20 में निवेश पर रिटर्न 0.08 प्रतिशत था, जबकि सरकार ने अपने उधार पर 8.14 प्रतिशत की औसत दर से ब्याज का भुगतान किया।

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