School Reopen 2021: सर्वे में खुलासा, दिल्ली में बंद स्कूलों को दोबारा खोले जाने के पक्ष में अभिभावक

School Reopen 2021 कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में स्कूलों को बंद किया गया था। ऐसे में छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन के माध्यम से हो रही थी। लेकिन एक सर्वे के अनुसार, अब अधिकतर अभिभावक चाहते हैं कि अब स्कूलों को दोबारा खोला जाए। देशभर में 19,000 अभिभावकों के बीच किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। इसके मुताबिक, कम से कम 69 फीसदी अभिभावक अप्रैल से नए शिक्षण सत्र के साथ स्कूल दोबारा खोले जाने के पक्ष में हैं।
26 फीसदी परिजन ही बच्चों को टीका लगवाने के पक्ष में
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि अप्रैल तक कोविड-19 का टीका उपलब्ध होने की सूरत में केवल 26 फीसदी अभिभावक ही अपने बच्चे को यह टीका लगाने की अनुमति देने को तैयार हैं। ऑनलाइन मंच लोकलसर्कल्स द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक कि 69 फीसदी अभिभावकों ने कहा कि कोविड-19 के वर्तमान हालात को देखते हुए आने वाले अप्रैल में नए शैक्षणिक सत्र के साथ ही देश में स्कूलों को दोबारा खोला जाना चाहिए। हालांकि, अभिभावकों ने महामारी के प्रकोप के बीच अपने बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर डर भी जताया। वहीं, 23 फीसदी अभिभावकों ने कहा कि जनवरी से ही स्कूल शुरू हो जाने चाहिए।
56 फीसदी परिजनों ने कहा- सोच कर लगवाएंगे टीके
इसके मुताबिक कि केवल 26 फीसदी अभिभावक ही अप्रैल तक अथवा नए सत्र तक कोविड-19 का टीका उपलब्ध होने की सूरत में अपने बच्चे को यह टीका लगाने के पक्ष में दिखे। वहीं, 56 फीसदी ने कहा कि वे तीन महीने या इससे अधिक समय तक इंतजार करेंगे और टीका संबंधी डाटा और निष्कर्षों के आधार पर विचार करेंगे। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते मार्च 2020 से ही देशभर के स्कूल बंद हैं। हालांकि, कुछ राज्यों ने आंशिक रूप से 15 अक्टूबर से दोबारा स्कूल खोले हैं जबकि कुछ राज्यों ने संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए फिलहाल स्कूल बंद रखने का ही निर्णय किया है।
दिल्ली सरकार इस कार्य को लेकर स्कूलों को किया सतर्क
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे किसी कार्यक्रम में कतई हिस्सा नहीं लें, जिसकी प्रायोजक कंपनी किसी भी तरह के तंबाकू उत्पादों के उत्पादन, बिक्री अथवा उपयोग को बढ़ावा देने से संबंधित हो। सरकार ने यह भी निर्देश दिया कि छात्रों या शिक्षण संस्थानों को ऐसी कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कारों अथवा छात्रवृत्तियों को स्वीकार नहीं करना चाहिए। शिक्षा निदेशालय ने स्कूल प्रधानाचार्यों को लिखे एक पत्र में कहा कि तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान को ऐसे कार्यक्रम में कतई हिस्सा नहीं लेना चाहिए, जिसकी प्रायोजक कंपनी किसी भी तरह से तंबाकू उत्पादों के उत्पादन, बिक्री अथवा उपयोग को बढ़ावा देने से संबंधित हो।
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